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Lok Sabha Elections: हिमाचल में चुनावी समीकरण बदल सकती है 'महिला शक्ति', साढ़े 27 लाख वोटों पर BJP- कांग्रेस की नजर
Himachal Loksabha Elections 2024: हिमाचल की राजनीति में तो महिलाओं का कुछ ज्यादा वर्चस्व नहीं रहा है. लेकिन प्रदेश का चुनावी समीकरण बदलने में महिलाएं अहम भूमिका निभाती हैं.
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Loksabha Elections 2024: देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है. हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान करीब 56 लाख 22 हजार 757 मतदाता अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे. इनमें 28 लाख 72 हजार 612 पुरुष और 27 लाख 50 हजार 109 महिला वोटर शामिल हैं. प्रदेश में 36 वोटर थर्ड जेंडर के भी हैं. हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीट पर महिला वोटर राजनीतिक दलों का समीकरण बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली हैं.
बीजेपी का महिला वोटरों पर खास ध्यान
बीते करीब 10 सालों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस का भी महिला वोटरों पर विशेष ध्यान है. हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला दिवस के मौके पर गैस सिलेंडर में 100 रुपए की भी छूट दी. इसके अलावा प्रधानमंत्री की ओर से बार-बार जिन वर्गों के उत्थान का जिक्र किया जाता है, उनमें महिलाओं का भी विशेष ध्यान है. इसके अलावा चुनावी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तहत 33 फीसदी आरक्षण की बात कहकर भी भाजपा ने महिला वोटरों को लुभाने की खासी कोशिश की है. प्रधानमंत्री के भाषण में भी आए दिन महिला सशक्तिकरण का जिक्र होता रहता है.
महिलाओं को साधने में लगी कांग्रेस
इसी तरह कांग्रेस भी लगातार प्रदेश में महिला वोटरों को साधने की कोशिश में लगी है. हाल ही में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए सम्मान निधि देने की घोषणा की है. हालांकि इसमें कई शर्तें भी लगाई गई हैं, लेकिन इससे प्रदेश के करीब पांच लाख महिलाओं को लाभ मिलेगा. इंदिरा गांधी प्यारी बहना सम्मान योजना के तहत कांग्रेस सरकार महिलाओं को यह लाभ देगी. यह लाभ 18 साल से 59 साल तक की महिलाओं को मिलेगा.
इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन और महिलाओं को मिलने वाले अन्य पेंशन लाभ में भी सरकार ने बढ़ोतरी की घोषणा की है. कांग्रेस ने बुधवार को ही नारी न्याय गारंटी का ऐलान किया. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र में सरकार बनने के बाद इन 5 गारंटियों को लागू किया जाएगा. इन गारंटियों के तहत महिलाओं के लिए योजनाएं लागू की जाएंगी. इनमें गरीब महिलाओं को हर साल एक लाख रुपये देने की भी योजना है.
चुनावी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी कम
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों ही दलों कांग्रेस और बीजेपी से सभी पुरुष उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. हालांकि साल 2021 में हुए उपचुनाव के दौरान प्रतिभा सिंह को चुनाव लड़ने का मौका मिला. हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट से इंदु गोस्वामी (बीजेपी) भी महिला सांसद हैं. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी महिलाओं की भागीदारी कम ही रहने की संभावना है. महिलाओं के लिए यह भी एक बड़ा मुद्दा है.
'सुक्खू कैबिनेट में एक भी महिला नहीं'
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी सिर्फ एक ही महिला विधायक जीतकर पहुंच सकी है. कांग्रेस की ओर से कोई महिला विधायक जीत न पाने की वजह से सुक्खू कैबिनेट में एक भी महिला नहीं है. ऐसे में महिलाओं को साधने की कोशिश तो राजनीतिक दल खूब कर रहे हैं, लेकिन चुनावी राजनीति में महिलाओं की भागीदारी नाम मात्र की है. हिमाचल प्रदेश के सियासी इतिहास पर भी अगर नजर डाली जाए, तो चंद महिला नेताओं को छोड़कर राजनीति में महिलाओं का कोई खासा वर्चस्व नहीं रहा.
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