Himachal Pradesh: अवैध निर्माण पर हिमाचल सरकार का रुख सख्त, दोष साबित होने पर इन सुविधाओं के लाभ हो सकते हैं वंचित
Illegal Construction: अब हिमाचल प्रदेश में किसी ठेकेदार को बिना लाइसेंस या नक्शा पास कराए भवन निर्माण कार्य में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी.
HP News: पिछले कुछ दिनों के दौरान हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से कई भवनों के ढहने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने अवैध निर्माण को लेकर सख्त रुख के संकेत दिए हैं. इतना ही नहीं, राज्य सरकार भवन निर्माण नियमों का पालन नहीं करने वालों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने की रणनीति पर भी गंभीरता से विचार कर रही है. जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में अवैध भवन निर्माण करने वालों पर सरकार सख्ती से पेश आएगी. इसके अलावा, शिकायत मिलने पर आरोपियों की बिजली और पानी सहित कई मूलभूत सुविधाएं छीन ली जाएंगी. प्रदेश सरकार ने इस बाबत लोगों का आगाह किया है कि वो नक्शा पास करवाकर ही भवन का निर्माण करें. भवन निर्माण के लिए अब संबंधित इंजीनियर से पहले एनओसी लेने की अनिवार्य शर्त लगा दी है.
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार ने मूसलाधार बारिश और बाढ़ आने से कई लोगों के मकान ढहने का मामला सामने आने के बाद यह फैसला लिया है. हिमाचल में अवैध भवन निर्माण पर रोक लगाने की जिम्मेदारी एचपी नगर नियोजन विभाग और शहरी निकाय विभाग की होगी. यानी दोनों के विभागों के अधिकारियों को अब अवैध भवन निर्माण में शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाना होगा. विभागीय आदेश में कहा गया है कि यदि कोई ठेकेदार बिना लाइसेंस या नक्शा पास कराए भवन निर्माण कार्य में लिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी. एचपी सरकार ने लोगों को प्रदेश के नगर नियोजन विभाग से भवनों निर्माण के दौरान इंजीनियर की सलाह लेने की बात कही है.
नियमों का उल्लंघन करने वालों के होगी सख्त कार्रवाई
बता दें कि हिमाचल में बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है. पिछले कुछ दिनों के दौरान हिमाचल में 550 से ज्यादा मकान ढह गए हैं. चार हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं. जिन इलाकों से भवन ढहने की सूचना मिली है उनमें मंडी, शिमला, कुल्लू और मनाली का नाम शामिल है. दरअसल, भारी बारिश की वजह से नदी नालों में आई बाढ़ अपने साथ कई मकानों को बहा ले गई. वहीं कई स्थानों पर भूस्खलन की वजह से भी मकान ढह गए. हिमाचल प्रदेश के प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार के मुताबिक भवन के निर्माण के लिए इंजीनियर की सलाह जरूरी है. इसका उल्ल्ंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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