Himachal Pradesh Politics: रक्षाबंधन पर CM सुक्खू से महिलाओं का हक मांग रही बीजेपी, कांग्रेस बोली- 'आपदा में भी राजनीति...'
Himachal News: रक्षाबंधन पर बीजेपी महिला नेताओं ने सीएम सुक्खू से 22 लाख महिलाओं का अधिकार मांगा है. बीजेपी की महिला नेताओं ने कहा कि प्रदेश की महिलाएं नौ महीने से अपने अधिकार का इंतजार कर रही हैं.
Himachal Congress Guarantees: देश भर में पवित्र पावन रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार मनाया जा रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महिला नेताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) से अपना अधिकार मांगा है. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मिधर सूद, पायल वैद्य और सचिव डेजी ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की 22 लाख महिलाएं कांग्रेस की उस गारंटी के पूरे होने का इंतजार कर रही है, जो उन्होंने चुनाव के वक्त दी थी.
बीजेपी महिला नेताओं ने सरकार को याद दिलाया कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए देने का वादा किया था. हिमाचल बीजेपी ने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस कुंभकरणीय नींद सो गई है. पहले कैबिनेट में गारंटी पूरी करने वाली कांग्रेस को नौ महीने बाद भी अपनी बहनों को दी गई गारंटी याद नहीं आ रही है. बीजेपी ने कहा कि प्रदेश में 22 लाख महिलाएं हैं और अब प्रदेश ने कांग्रेस की सरकार बने नौ महीने का वक्त भी बीत चुका है.
कांग्रेस सरकार से मांगा महिलाओं का अधिकार
बीजेपी ने कहा कि ऐसे में हर महीने 1 हजार 500 रुपए के हिसाब से महिलाओं के खाते में 13 हजार 500 आ जाने चाहिए थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को रक्षाबंधन के मौके पर प्रदेश की 22 लाख महिलाओं को 2 हजार 970 करोड़ रुपए जारी कर देने चाहिए. बीजेपी महिला नेताओं ने कहा कि यह महिलाओं का अधिकार है और कांग्रेस सरकार को नारी शक्ति को यह हक देना ही होगा.
वहीं, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की राज्य सचिव रिपना कलसैक ने कहा कि आपदा के वक्त भी बीजेपी की महिला नेता राजनीति करने में लगी हैं. इस वक्त प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान आपदा प्रभावितों तक राहत पहुंचाने पर है. प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली की तारीफ खुद वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग कर चुके हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हर गारंटी को चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का वादा किया है. ऐसे में बीजेपी की महिला नेताओं को आपदा के वक्त राजनीति करने से बचना चाहिए. यह वक्त राजनीति करने का नहीं है.