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Basant Panchami 2024: देश भर में मनाई गई बसंत पंचमी, शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में भी खास आयोजन
Shimla News: बसंत पंचमी के विशेष मौके पर मशहूर कालीबाड़ी मंदिर में भव्य उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. मंदिर में मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की गई.
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Shimla Basant Panchmi: बसंत पंचमी के त्योहार को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ था. माता सरस्वती को विद्या एवं संगीत की देवी कहा जाता है. इस दिन से प्रकृति नया रूप लेती है और ठंड का प्रकोप भी कम होता है. पेड़- पौधों पर नए पत्ते आने लगते हैं और मौसम सुहावना हो जाता है. यह दिन किसी नए कार्य की शुरुआत करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है.
बसंत पंचमी के दिन लोग पीले वस्त्र धारण करते हैं और मंदिरों में पूजा कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. इसके साथ ही बच्चों के लिए भी यह दिन काफी उत्साह से भरा रहता है. बच्चे मंदिरों में जाकर अपनी किताबों और पाठ्य सामग्री की पूजा करवाकर माता सरस्वती का आशीर्वाद लेते हैं. इस दिन कई अभिभावक बच्चों की पढ़ाई के लिए विशेष पूजा भी करवाते हैं, ताकि इनके बच्चे की पढ़ाई में बाधा न आए.
शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में हो रहा खास आयोजन
देशभर के साथ शिमला शहर के मंदिरों में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी के विशेष मौके पर आज मशहूर कालीबाड़ी मंदिर भव्य उत्सव का आयोजन किया गया. शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में पूरा दिन ढोल-नगाड़ों की थाप पर इस पर्व को उत्सव के रूप में मनाया जाएगा. 15 फरवरी को सुबह 10 बजे मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. इससे पहले मंगलवार को सरस्वती माता की मूर्ति को मंदिर सभागार में रखा गया था. सरस्वती माता की इस मूर्ति को मूर्ति कलाकारों ने शारदीय नवरात्रों के समय माता दुर्गा की मूर्तियों के साथ तैयार किया था.
विधि विधान के साथ पूजन से मां होती हैं प्रसन्न
वहीं, कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी मुक्ति चक्रवर्ती ने कहा कि मंगलवार को माता की मूर्ति की स्थापना हो गई है. मंदिर में पूरा दिन भव्य आयोजन किया जाएगा. संगीत के शौकीन लोगों को संगीत के जुड़े किसी वाद्य यंत्र को खरीदना चाहिए. ऐसा करने से सरस्वती माता खुश होती है.
बसंत पंचमी पर बन रहे दुर्लभ संयोग
इस बार बसंत पंचमी 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से लेकर 14 फरवरी यानी आज 12 बजकर 10 मिनट तक थी. इस बार बसंत पंचमी पर दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. आज सर्वार्थ सिद्धि योग, रेवती नक्षत्र और अश्विनी नक्षत्र समेत कई दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. इस संयोग में मां सरस्वती की पूजा करने से मां की कृपा भक्त पर बनी रहती है.
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