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Gujarat News: मछुआरे की विधवा को 9 साल बाद मिला सरकार से मुआवजा, पाकिस्तान मरीन की गोली लगने से हुई थी मौत
Govt Compensation: गिर-सोमनाथ जिले के एक मछुआरे की पाकिस्तान मरीन सुरक्षा एजेंसी की गोलीबारी में मौत हो गई थी, समुद्र श्रमिक संघ की गुहार के बाद उनकी विधवा को 9 साल बाद सरकार की ओर से मुआवजा मिला है.
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Gir Somnath News: गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले (Gir Somnath District) के एक मछुआरे की विधवा को नौ साल के बाद तीन लाख रुपये का मुआवजा मिला है. उनके पति 2013 में एक भारतीय नाव पर पाकिस्तान (Pakistan) की गोलीबारी में मारे गए थे. इस संबंध में समुद्र श्रमिक संघ (Maritime Labor Union) के अध्यक्ष बालुभाई सोसा ने बताया कि गिर-सोमनाथ जिले के सरखडी गांव के 28 साल के नारनभाई सोसा मछली पकड़ने वाली नाव धनवंतरी, जिसका पंजीकरण संख्या जीजे-10 एमएम-ए 1719 पर सवार हो कर मछली पकड़ने गए थे.
बालुभाई सोसा ने बताया कि यह नाव 5 अक्टूबर 2013 को बंदरगाह से रवाना हुई थी. जब वे अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (IMBL) के करीब भारतीय जल क्षेत्र में मछली पकड़ रहे थे, उसी समय पाकिस्तान मरीन सुरक्षा एजेंसी की एक टीम ने बिना किसी उकसावे के नाव पर गोलियां चला दीं.
मछुआरे नारनभाई सोसे को पाकिस्तान मरीन सुरक्षा एजेंसी की लग गई थी गोली
पाकिस्तान मरीन सुरक्षा एजेंसी की गोलीबारी में नारनभाई सोसा को गोली लग गई थी. वहीं नाव "टंडेल" के कप्तान बालूभाई पूजाभाई ने घायल को लेकर वापस तट पर चले गए. आनन- फानन में गोलीबारी में घायल मछुआरे को भावसिंहजी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
मुआवजे के लिए समुद्र श्रमिक संघ ने संबंधित अधिकारियों से लगाई थी गुहार
इस घटना के बाद मृतक मछुआरे की विधवा भानुबेन सोसा की ओर से, समुद्र श्रमिक संघ ने मत्स्य विभाग के साथ- साथ कई दूसरे अधिकारियों को विधवा के लिए मुआवजा जारी करने की गुहार की लगाई गई थी. इसको लेकर समुद्र श्रमिक संघ के द्वारा संबंधित अधिकारियों के पास कई अर्जियां भी दी गई थीं. जिसके बाद आखिरकार 9 साल बाद 15 दिसंबर को कोडिनार डिप्टी कलेक्टर के जरिये उन्हें 3 लाख रुपये के मुआवजा का चेक सौंपा गया है.
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