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Monika Yadav Murder Case: मोनिका मर्डर मिस्ट्री, मौत देकर दो साल तक रखा जिंदा! पुलिस भी नहीं नहीं ढूंढ पाई, अब कंकाल बरामद
Delhi Lady Constable Murder Case: दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला कॉन्स्टेबल की गुमशुदगी की रिपोर्ट मुखर्जी नगर थाने में दर्ज की गई थी. परिवार ने आरोप लगाया था कि वह आठ सितंबर, 2021 से लापता थी.
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Delhi Murder Case: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की एक पूर्व महिला कॉन्स्टेबल के लापता होने के दो साल बाद, पुलिस ने तीन लोगों को कथित तौर पर उसकी हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) ने 28 साल की महिला की कथित तौर पर हत्या कर दी थी क्योंकि उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था. उस वक्त सिंह पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) वैन में सेवारत था.
अधिकारी ने बताया कि सुरेंद्र सिंह के करीबी रिश्तेदार रविन (26) और राजपाल (33) ने अपराध को छिपाने में उसकी मदद की. पुलिस ने बुराड़ी के पुश्ता इलाके से पीड़िता के कंकाल के अवशेष बरामद किए और उन्हें डीएनए जांच के लिए भेजा ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये अस्थियां महिला की हैं या नहीं.
सुरेंद्र को प्यार से 'डैडा' बुलाती थी मोनिका
पुलिस के मुताबिक, मोनिका यादव साल 2014 में दिल्ली पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल भर्ती हुई थी. मोनिका से दो साल पहले सुरेंद्र राणा दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था. दोनों दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में तैनात थे. वहीं दोनों संपर्क में आए. मोनिका सुरेंद्र को प्यार से 'डैडा' बुलाती थी और सुरेंद्र उसे 'बेटा' बोलता था. यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक पद पर चयन होने के बाद पीड़िता ने दिल्ली पुलिस से इस्तीफा दे दिया था.
पूर्व महिला कॉन्स्टेबल का नहीं लगाया जा सका था पता
इस बीच वह यहां मुखर्जी नगर इलाके में ‘पेइंग गेस्ट’ के रूप में रह रही थी. महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट 20 अक्टूबर, 2021 को मुखर्जी नगर पुलिस थाने में दर्ज की गई थी. उसके परिवार ने आरोप लगाया कि वह आठ सितंबर, 2021 से लापता थी. विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा पुलिस के प्रयासों के बावजूद पूर्व महिला कॉन्स्टेबल का पता नहीं लगाया जा सका था. उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर, जिन्हें संदेह था कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है, 12 अप्रैल, 2023 को प्राथमिकी में अपहरण का आरोप जोड़ा गया.
पुश्ता के पास एक नाले में डुबोया
रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि इसके बाद दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने मामले की गहन जांच का आदेश दिया. पुलिस ने पहले राजपाल को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर रविन को भी गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी सिंह को आखिरकार 30 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने कहा कि पूछताछ के दौरान सुरेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि आठ सितंबर, 2021 को उसकी महिला के साथ तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद वह उसे बुराड़ी पुश्ता ले गया और वहां उसने पहले उसका गला घोंटा और फिर उसे पुश्ता के पास एक नाले में डुबो दिया.
अलग-अलग नंबर से करता रहता था फोन
पुलिस के मुताबिक यह यकीन दिलाने के लिए कि पीड़िता जीवित है, सुरेंद्र सिंह ने अपने बहनोई रविन की मदद ली. रविन अक्सर पीड़ित महिला के परिवार को अलग-अलग नंबर से फोन करता रहता था और उन्हें खुद का नाम अरविंद बताता था. रविन ने पीड़िता के परिवार को बताया था कि वह महिला से शादी कर चुका है.
मोनिका की वॉयस रिकॉर्डिंग चला देता था आरोपी
डीसीपी ने बताया कि जांच को गुमराह करने के लिए रविन ने पीड़िता के पहचान पत्रों की प्रतियां पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर छोड़ दी. उन्होंने कहा कि इसके बाद रविन ने इन जगहों से महिला के परिवार को बताया कि वह खुशी के साथ रह रही है. उन्होंने बताया कि जब भी उसके परिजन उससे बात करना चाहते थे तो वह एक फोन के स्पीकर पर मोनिका की वॉयस रिकॉर्डिंग चला देता था.
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