1857 के विद्रोह के बाद तबाह हो गई थी दिल्ली, फिर दोबारा कब और कैसे बसा शहर, पढ़िए पूरी कहानी

कभी मुशायरों और शायरों के लिए मशहूर थी दिल्ली . 1857 के विद्रोह के बाद यहां लाशों का ढेर लग गया था. शहर में सरेआम कत्लेआम, आगजनी हुई और कई इमारतें ढहा दी गईं. फिर दोबारा इसे बसाने में कई दशक लगे.

दिल्ली का इतिहास महाभारत जितना पुराना है. उस वक्त इस शहर को इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था. पांडव यहीं रहते थे. धीरे-धीरे इंद्रप्रस्थ के आसपास आठ और शहर बस गए: लाल कोट, सिरी, दीनपनाह, किला राय

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