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Indigenous Products: बाजार में आया री-यूजेबल सैनिटरी पैड, लगातार पांच सालों तक कर सकते हैं इस्तेमाल, जानें- कीमत

Reusable Sanitary Pad: री-यूजेबल सैनिटरी पैड एक ऐसा पैड है, जिसे सुखाने के बाद फिर से कई सालों तक इस्तेमाल किया जा सकता है. दावा है कि इसमें किसी तरह के संक्रमण का भी कोई खतरा नहीं है.

Reusable Sanitary Pad News: गुजरात (Gujrat) के सूरत (Surat) बेस्ड कंपनी ने महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सैनिटरी पैड के कारोबार में क्रांति लाते हुए पीरियड पैड्स को एक नए अवतार में पेश किया है. ये पैड्स री-यूजेबल (Reusable sanitary pad) हैं और खरीदने के बाद 4 से 5 सालों तक इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. खास बात ये है कि इन पैड्स को वापस इस्तेमाल करने के लिए किसी खास रखरखाव की भी जरूरत नहीं है. बस इसे साफ कर धूप में सुखाने की जरूरत है. धूप में सुखाने के बाद इसे फिर से सैनिटाइज करने पर, ये इस्तेमाल के लिए तैयार हो जाते हैं. इससे किसी संक्रमण का खतरा भी नहीं होता है.

गुजरात के सूरत की अनुभा ग्रुप के फाउंडर अनुराधा और भरत हैं. दोनों ने तीन सालों की रिसर्च एंड डेवलपमेंट के बाद इसे तैयार किया है. अनुराधा ने डिजाइनिंग में मास्टर्स किया है, जबकि भरत टेक्सटाईल में एक्सपर्ट हैं. दिल्ली में प्रॉडक्ट की डिस्प्ले और शोध के दौरान दोनों ने महसूस किया कि पैड के रूप में इस्तेमाल किए जाने के लिए कपड़ा ही सबसे स्वच्छ और स्थायी जरिया है. इस राह में समस्या पैड की सफाई और इसे लेकर कुप्रथाओं की थी. आज भी बड़ी संख्या में महिलाएं इस काम के लिए कपड़े इस्तेमाल करती हैं, वो उसे धोने के बाद अंधेरी जगह पर सुखाती हैं, जिससे वो कपड़े कीटाणुरहित नहीं हो पाते हैं. इस समस्या से पार पाने के लिए उन्होंने एक बेहतर और लंबे समय तक इस्तेमाल किए जाने लायक सैनिटरी पैड के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर समय और पैसों का निवेश किया. इसका नतीजा यह निकला कि सैनिटरी पैड नए अवतार में दुनिया के सामने आया. 

ये है डिस्पोजेबल पैड का झकझोरने वाला तथ्य
शोध के दौरान ये पता चला कि डिस्पोजेबल पैड्स इस्तेमाल करने से महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर, रैशेश, संक्रमण, यूटीआई और कई अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. उन्होंने ये भी बताया कि देश की आबादी में 350 मिलियन महिलाओं की संख्या हैं, जिनमें अगर 35 प्रतिशत महिला 8 पैड का औसतन इस्तेमाल करती हैं, तो देश मे 200 टन सैनिटरी पैड का कचड़ा उत्पन्न होता है. इस हिसाब से साल के 12.3 बिलियन सैनिटरी पैड के इस्तेमाल से 1,13,000 टन रिसाइकिल नहीं किया जा सकने वाला कचड़ा उत्पन्न होता है, जो कि एक झकझोरने वाला तथ्य है.

जीरो वेस्ट प्रॉडक्ट
रिसर्च के दौरान पैड में इस्तेमाल किए जाने के लिए यार्न, फाइबर और कपड़ों से मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में रियेजेबल पैड का उत्पादन किया, जिसे एक बार खरीदने के बाद 4 से 5 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा और हर बार धोने के बाद धूप में सुखाने पर ये कीटाणु रहित हो जाएगा. उन्होंने ये भी बताया कि पैड्स के निर्माण के दौरान, जो फाइबर, कपड़े और यार्न के कटिंग निकले, उन्हें फाइबर में कन्वर्ट कर सॉफ्ट टॉय जैसी चीजों में स्टफ करने के लिए भेज दिया जाता है. जब इन पैड्स की लाइफ समाप्त हो जाती है तो इन्हें वापस लेकर उन्हें फाइबर में तब्दील कर चीजों के स्टफ करने के लिए भेज दिया जाता है. इस प्रकार ये जीरो वेस्ट प्रॉडक्ट है.

ISI सर्टिफाईड स्वदेशी उत्पाद 
भारत मे उपलब्ध कई अन्य री-यूजेबल सैनिटरी पैड्स के बारे में भी बताया, लेकिन इनमें से ज्यादातर चीन से आयात किए गए हैं. जबकि शेष की गुणवत्ता और सिलाई निम्न स्तर की है. जबकि अनुभा ग्रुप का पीरियड पैड्स, ऊत्तम गुणवत्ता और बेहतरीन सिलाई वाला स्वदेशी उत्पाद (indigenous products) है. यह पूरी तरह से भारत में और भारतीय सामानों से बना हुआ है. साथ ही यह ISI सर्टिफाईड प्रॉडक्ट भी है.

कीमत भी किफायती
अब हम बात करें इसके कीमत की तो ये काफी सस्ती दर पर मार्केट में वापसी की गारंटी के साथ उपलब्ध है. इसके एक पैड के ट्रायल पैक की कीमत 249 रुपए, 2 पैड वाले ट्रायल पैक की कीमत 399 रुपए है. खास बात यह है कि पैड के बैग भी मुफ्त दिया जा रहा है. 4 पैड वाला पैक भी सिर्फ 599 की कीमत पर कंपनी बेच रही है, जिसके साथ पैड बैग के अलावा स्टोरेज बैग भी दिया जा रहा है. वहीं कंपनी ने 7 पैड वाला पैक लॉन्च किया है, जिसकी कीमत 899 रुपये है, जिसमें 5 पैड, 2 पैंटीलाइनर्स, 1 पैड बैग और 1 स्टोरेज बैग भी दिया जा रहा है. फिलहाल ये सिर्फ सूरत में ही उपलब्ध है. आने वाले दिनों में कंपनी इसे पूरे भारत मे मुफ्त शिपिंग के साथ बेचने की तैयारी में है. 

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