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DDA Flat News: दिल्ली में झुग्गियों के बदले फ्लैट्स मिलने पर लोगों में खुशी का माहौल, जानिए- इसकी खासियत
In-Situ Slum Rehabilitation Project: फ्लैट्स में एक कमरा, हॉल, किचन, बाथरूम और टॉयलेट है. पार्किंग, पार्क और लिफ्ट की सुविधा भी है. एक फ्लैट का एरिया 25 स्क्वायर मीटर है.
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Delhi News: दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में मौजूद भूमिहीन कैंप में रहने वाले झुग्गी वासियों का इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है और अब उन्हें उनकी झुग्गी के बदले नए फ्लैट की चाबियां मिल गयी हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने खुद झुग्गियों में रहने वाले 575 लाभार्थियों को उनके नए फ्लैट की चाबी सौंपी. बता दें कि डीडीए (DDA Flat News) द्वारा 'इन सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना (In-Situ Slum Rehabilitation Project) के तहत कालकाजी गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन के पास 3024 नए फ्लैट्स बनाए गए हैं जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) से किया, साथ ही लाभार्थियों को उनके नए फ्लैट की चाबियां सौंप दीं.
क्या सुविधाएं हैं फ्लैट्स में
डीडीए के चीफ इंजीनियर राजीव कुमार ने एबीपी न्यूज को बताया कि, 345 करोड़ की लागत से बने इन फ्लैट्स को कुल 3.068 हेक्टेयर जमीन पर बनाया गया हैं, इन फ्लैट्स में एक कमरा, हॉल, किचन, बाथरूम और टॉयलेट की सुविधा है. इसके साथ ही पार्किंग, पार्क और लिफ्ट की सुविधा भी दी जा रही है. प्रति एक फ्लैट का एरिया 25 स्क्वायर मीटर है. उन्होंने बताया कि कुल 3024 फ्लैट तैयार हुए हैं जिन्हें गोविंदपुरी भूमिहीन कैंप में रहने वाले झुग्गी वासियों को आवंटित किया है. बुधवार को प्रधामंत्री ने 575 लाभार्थियों को चाबियां सौंपी जिसके बाद अन्य सभी लाभार्थियों को चाबियां सौंपी जा रही हैं.
पूरी तरीके से बनकर तैयार
डीडीए के अधिकारी के मुताबिक यह फ्लैट पूरी तरीके से बनकर तैयार हो गए हैं और लाभार्थियों को चाबियां सौंपने के बाद वह कभी भी यहां पर आकर रह सकते हैं और अपना बिजली पानी का कनेक्शन लगवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि इस इलाके में इस 'इन सीटू स्लम पुनर्वास' के अंतर्गत तीन कैंप के झुग्गी वासियों का पुनर्वास किया जाना है जिसमें भूमिहीन कैंप, नवजीवन कैंप और जवाहरलाल नेहरू कैंप शामिल है. शुरुआत में भूमिहीन कैम्प 3024 लाभार्थियों को नए फ्लैट आवंटित किए जा रहे हैं जिसके बाद अन्य दो कैंप नवजीवन और जवाहरलाल नेहरू कैंप के झुग्गी वासियों का पुनर्वास किया जाएगा.
झुग्गी बस्ती के लोगों में खुशी
विज्ञान भवन में आयोजित किए गए कार्यक्रम में भूमिहीन कैंप में रहने वाले 1050 झुग्गी वासियों को ले जाया गया. जहां पर प्रधानमंत्री ने सीधे तौर पर उन्हें संबोधित किया और लाभार्थियों को उनके नए घर की चाबियां सौंपी. इसके साथ ही झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों में भी नए घर मिलने की खुशी देखने को मिल रही है. पिछले करीब 40 सालों से झुग्गी में रहने वाली सूरजमुखी ने बताया कि बहुत खुशी हो रही है कि अब नया घर मिल रहा है, बहुत अच्छा घर बना हुआ है, हमने कभी ऐसे घर के बारे में नहीं सोचा था कि हम भी कभी ऐसे घर में रहेंगे. हम झुग्गी में रहते हैं जहां पर मेरा बेटा पैदा हुआ था और आज वह बड़ा हो गया और उसकी शादी भी हो गई. साथ ही उन्होंने बताया कि मेरे पति जो अब इस दुनिया में नहीं है वह भी झुग्गी में ही रहते थे, हम सालों से अपने नए घर का इंतजार कर रहे थे और आज आखिरकार हमें नया घर मिल रहा है.
जीवन में आएगा बदलाव-लाभार्थी
भूमिहीन कैम्प में रहने वाले अन्य लाभार्थी मोहम्मद शमसुद्दीन जोश ने बताया कि, इसी साल मार्च के महीने में फ्लैट मिलने का ड्रॉ निकाला गया था जिसके बाद शुरुआत में 15000 और फिर बाद में ₹132000 जमा कराए गए, जिसके बाद अब तक ₹147400 जमा किए गए हैं. इसके बाद हमें फ्लैट की चाबी मिली है. उन्होंने बताया कि वह भूमिहीन कैंप झुग्गी बस्ती में अपने 3 बच्चों और पत्नी के साथ रहते हैं. काफी सालों से वहीं रह रहे हैं, यहां पर कई दिक्कतें हैं, शौचालय, पानी की समस्या है. यहां काफी छोटे-छोटे घर बने हुए हैं ऐसे में हमें खुशी है कि हमें नए घर की चाबी मिल गयी है, जिसके बाद हम भी अच्छी तरीके से रह पाएंगे और हमारे जीवन में भी बदलाव आएगा.
आंखों में खुशी के आंसू
इसके अलावा अन्य लाभार्थी उषा रॉय ने बताया कि, वह पिछले 40 साल से यहां रह रही हैं. यहीं पर उनका जन्म हुआ और यहीं पर उनकी शादी हो गई. काफी लंबा वक्त उन्होंने यहां गुजारा है. उन्होंने बताया कि यहां पर काफी दिक्कतें हैं. खासतौर पर पानी और शौचालय की सुविधा नहीं है. सरकारी शौचालय में ही जाना पड़ता था लंबी-लंबी लाइन लगानी पड़ती थी. पानी के लिए भी काफी दिक्कत रहती थी. इसके साथ ही गंदगी भी बहुत रहती है लेकिन आज खुशी है कि एक नया घर हमें मिल गया है. जहां पर यह सारी दिक्कतें नहीं होंगी. इसके अलावा फ्लैट मिलने की खुशी में अपने आंखों से आंसू नहीं रोक पा रही, उषा ने बताया कि साल 2013 से यहां पर फ्लैट बनना शुरू हुए थे. तब से ही हम हर साल यही सोचते थे कि जल्द से जल्द यह फ्लैट बनकर तैयार हो जाएंगे और हमें नया घर मिलेगा. आज आखिरकार कई सालों बाद हमें अपने फ्लैट की चाबी मिली है, जिसके लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हैं, आज हम बहुत खुश हैं.
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