Delhi News: भारत में कसीनो (Casino In Delhi) संचालन की अनुमति केवल तीन राज्यों, गोवा, दमन और सिक्किम में है और इसके शौकीन इन जगहों पर जाकर अपनी जुए के शौक को पूरा करते हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी शौकीन हैं, जो अपने इस शौक को लत में तब्दील कर चुके हैं. ऐसे लोग हर दिन बड़े पैमाने की जुए यानी कसीनो का लुत्फ उठाना चाहते हैं. वे अपने इर्द-गिर्द ही एक ऐसा ग्रुप बना लेते हैं, जिनमें कसीनो चलाने वाले से लेकर दांव लगाने वाले तक शामिल होते हैं. ऐसे ही एक कसीनो का खुलासा दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की क्राइम ब्रांच ने किया है, जो दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर स्थित एक फार्म हाउस में चोरी-छिपे चलाया जा रहा था.


क्राइम ब्रांच पुलिस ने छापेमारी कर कसीनो के पांच मालिकों समेत कुल 47 लोगों को फार्म हाउस से दबोचा (Delhi Police Crime Branch raid) है. इस अवैध कसीनो को बाकायदा प्रोफेशनल तरीके से संचालित किया जा रहा था, जहां 20 लड़कियां भी काम करती थीं, जो जुए करने कसीनो पहुंचने वाले लोगों को शराब परोसने और टोकन सर्व का काम करती थी. पुलिस ने मौके से 8.06 लाख नगद, कसीनो टेबल कसीनो टोकन, भारी मात्रा में शराब, फ्लेवर्ड हुक्का आदि बरामद किया  है.


5 मालिकों समेत 47 को पुलिस ने दबोचा


क्राइम ब्रांच के स्पेशल सीपी रवींद्र सिंह यादव के अनुसार इंस्पेक्टर पवन को छतरपुर (Chhatarpur) में स्थित एक फार्म हाउस में कसीनो संचालित किए जाने की सूचना मिली थी. जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए एसीपी रमेशचंद्र लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन, इंस्पेक्टर पवन, महिपाल, एसआई अमित, रविंद्र हुड्डा और महिला एसआई सिमरन की टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम ने जब फार्म हाउस पर छापेमारी की उस वक्त फार्महाउस के अंदर चल रहे कसीनो में कई जुआरी मौजूद थे और जुआ खेल रहे थे. इस दौरान कसीनो में हुक्का और शराब भी परोसी जा रही थी. पुलिस ने मौके पर मौजूद सभी जुआरियों और अन्य लोगों को दबोच लिया. जांच में पता चला कि फरीदाबाद की गांधी कालोनी के रहने वाले अमित कुमार, सतेंद्र सहगल, साहिल गुजराल, तेजिंदर सिंह और मिथुन तनेजा कसीनो के मालिक हैं. जिन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में  पुलिस टीम ने पांचों मालिकों समेत कुल 47 आरोपितों को गिरफ्तार किया है.


"गुरुजी" बोलने पर ही खुलता था फार्म हाउस गेट


पूछताछ में कसीनो संचालकों ने खुलासा किया कि उन्होंने फार्म हाउस को किराये पर ले रखा था. वह अपने जानकारों और ग्राहकों से फोन एवं वाट्सएप पर संपर्क करते थे और फिर जुए में दिलचस्पी रखने वाले उनके ग्राहकों से वे फार्म हाउस की लोकेशन साझा करता थे. उनके कसीनो में कोई अंजान शख्स दाखिक न हो सके, इसका भी पूरा ख्याल संचालकों ने रखा था और फार्म हाउस में प्रवेश के लिए बाकायदा एक कोडवर्ड "गुरुजी" बनाया गया था. जिसे बताने पर ही फार्म हाउस का गेट खुलता था और उन्हें अंदर प्रवेश मिलता था. वहां रखे प्रत्येक कसीनो टेबल पर एक से आठ तक के अंक लिखे थे और प्रत्येक अंक पर एक सट्टेबाज बैठ सकता था, इस तरह एक टेबल पर एक बार मे आठ जुआरी बैठ कर जुआ खेल सकते थे. 


यह भी पढ़ें: Delhi: 'जो सनातन को समाप्त करने की बात करते हैं, वे ही खत्म हो...', उदयनिधि स्टालिन के बयान पर बोले रमेश बिधूड़ी