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Janjgir Champa: महंगे नस्ल के मुर्गे पालने के शौक की बदौलत मशहूर हुआ शख्स, अब कई राज्यों में फैल गया कारोबार
जांजगीर-चांपा के 27 वर्षीय अफजल खान कमाल का शौक रखते हैं. निराले शौक की बदौलत उनकी लोकप्रियता बहुत बढ़ गई है. 7 साल की उम्र में अफजल खान को चस्का लग गया था. आज उनके फार्म पर दूर दराज से लोग आते हैं.
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Chhattisgarh News: कहते हैं शौक बड़ी चीज होती है. उसे पूरा करने से मन को बड़ी शांति मिलती है. हालांकि कभी कभी कुछ गलत शौक इंसान को महंगा पड़ जाता है. लेकिन जांजगीर-चांपा में शौक ने एक युवक को मशहूर कर दिया. युवक लड़ाकू और महंगे नस्ल के मुर्गे पालने का शौक रखता है. शौक की बदौलत युवक व्यापारी बन गया. युवक का कारोबार छत्तीसगढ़ में ही नहीं भारत के अन्य राज्यों में भी फैल गया है.
कमाल का शौक रखते हैं अफजल खान
बम्हनीडीह निवासी 27 वर्षीय अफजल खान को लड़ाकू और महंगे नस्ल के मुर्गे पालने का शौक है. उसने शौक पूरा करने के चक्कर में अन्य राज्यों से महंगे और बेशकीमती मुर्गों का संग्रह फार्म में कर लिया है. आज की तारीख में उसके फार्म पर 3 से 4 फीट के कई देसी और लड़ाकू मुर्गे दिखाई देंगे. अफजल खान के फॉर्म में 150 से ज्यादा मुर्गें हैं. अलग-अलग नस्ल में पैरॉट ब्रीड, जावा ब्रीड, नेपाली ब्रीड, गलवा ब्रीड, टूठू ब्रीड, रामपुरी ब्रीड, रामपुरी ब्रीड, अमरोहा ब्रीड, केरला ब्रीड, तमिलनाडु ब्रीड, अफगानिस्तानी ब्रीड जैसे महंगे मुर्गे शामिल हैं.
फार्म देखने अन्य राज्यों से भी आत हैं लोग
अफजल खान को 7 साल की उम्र से महंगे और लड़ाकू नस्ल के मुर्गे पालने का शौक था. बड़े होने के साथ शौक भी बढ़ता गया. इसी शौक की वजह से अफजल के पास अब सबसे उम्दा और बेशकीमती मुर्गों का संग्रह है. अफजल खान ने बताया कि अभी उनके फार्म में 150 से 200 मुर्गे हैं. फार्म में नेपाल, थाईलैंड से भी लाए गए मुर्गे शामिल थे. लेकिन कोविड के समय बर्ड फ्लू और अन्य बीमारियां से मर गए. वर्तमान में पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, मिजोरम, हैदराबाद और अन्य राज्यों से इकट्ठा किए हुए मुर्गे हैं. खास बात है कि अधिकतर मुर्गों की लंबाई 3 से 4 फीट है. फार्म को देखने जिले नहीं बल्कि दीगर राज्य के लोग भी पहुंचते हैं.
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