पटना: बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार और केंद्र सरकार पर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने नीतीश सरकार को नकारा और विफल सरकार बताते हुए कहा कि पिछले चार सालों से आपदा, विपदा के समय केंद्र सरकार का सकारात्मक सहयोग बिहार को कभी नहीं मिला. उन्होंने बिहार को भगवान और यमराज के भरोसे छोड़ रखा है.


तेजस्वी ने कहा, "बिहार में एनडीए के 40 में से 39 लोकसभा सांसद, 9 राज्यसभा सांसद और 5 केंद्रीय मंत्री हैं. 16 सालों से एनडीए के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं, फिर भी बिहार वैक्सीन, ऑक्सीजन और बेड की उपलब्धता में देश में सबसे निचले पायदान पर है. इतनी बेशर्म, विफल, नाकारा व निक्कमी सरकार पृथ्वी ग्रह पर कहीं और नहीं मिलेगी."


बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव ने एक बयान जारी कहा कि पिछले तीन से चार सालों में आपदा, विपदा जैसे चमकी बुखार, बाढ़-सुखाड़, जल जमाव, प्रवासी श्रमिकों का पलायन, कोरोना आदि में बिहार को कभी भी केंद्र सरकार का सकारात्मक सहयोग नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बिहारवासियों ने लोकसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड बहुमत दिया, लेकिन केंद्र सरकार की पक्षपाती नीतियों, निर्णयों और सौतेले व्यवहार से ऐसा प्रतीत होता है मानों केंद्र सरकार बिहार को देश का अभिन्न अंग नहीं मानती.


नीतीश ने बिहार को भगवान और यमराज के भरोसे छोड़ रखा है


आरजेडी नेता ने कहा कि जनसंख्या और क्षेत्रफल के साथ साथ गरीबी, बेरोजगारी, पलायन और कोरोना संक्रमण दर आदि में बिहार देश के अव्वल प्रदेशों में है, लेकिन बिहार को उस अनुपात में केंद्र से सहयोग नहीं मिलता.


तेजस्वी ने इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी बताया. उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों के मुख्यमंत्री तार्किक, तथ्यात्मक और आक्रामक रूप से अपने प्रदेश की समस्याओं व संसाधनों की कमी, उपलब्धता और केंद्र द्वारा असहयोग को खुल कर व्यक्त करते हैं, लेकिन बिहार के इतिहास के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री डरे, सहमे और दुबके से रहते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना काल में मुख्यमंत्री सिर्फ मौत और जांच के आंकड़े कम करने में व्यस्त हैं. उन्होंने बिहार को भगवान और यमराज के भरोसे छोड़ रखा है.


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