गया: बिहार के सभी जिलों में कोरोना का कहर जारी है. संक्रमण की वजह से लोगों की जान जा रही है. स्थिति ऐसी है कि कोरोना से मौत होने के बाद परिजन शव को घर ले जाने या उसके दाह संस्कार से भी पल्ला झाड़ रहे हैं. ताजा मामला प्रदेश के गया जिले का है, जहां शव गृह में दो दिनों तक कोरोना मरीज की लाश पड़ी रही. परिजन शव लेने नहीं आए. कई बार अस्पताल कर्मियों ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. नतीजतन अस्पताल प्रबंधन ने नगर निगम कर्मियों को शव सौंप दिया और उन्होंने ही अंतिम संस्कार किया. 


25 अप्रैल को कराया गया था भर्ती


मिली जानकारी अनुसार गया के कोविड डेडिकेटेड अस्पताल अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जिले के रामपुर थाना क्षेत्र के रहने आशुतोष कुमार(32) को पिछले 25 अप्रैल को कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया. वह कोरोना से पीड़ित था. कोरोना से जंग लड़ते-लड़ते चार मई को उसकी इलाज के मौत दौरान हो गई. 


अस्पताल प्रबंधन की ओर से मेडिकल पर्ची पर दर्ज मोबाइल नंबर पर इसकी जानकारी दी गई. लेकिन मौत की सूचना के बावजूद कोई शव लेने नहीं पहुंचा. अस्पताल प्रसाशन ने 48 घंटे तक शव को अस्पताल के शव गृह में रखा. लेकिन दो दिनों तक परिजन के नहीं आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पहल करते हुए एम्बुलेंस से शव को शहर के विष्णुपद स्थित श्मशान घाट भेजा दिया.


परिजनों का निगमकर्मियों ने किया इंतजार 


वहां गया नगर निगम के कर्मियों ने अंतिम संस्कार किया. इस बाबत निगम ने निःशुल्क लकड़ी और अन्य दाह संस्कार की सामग्रियों को उपलब्ध कराया. निगम कर्मियों को उम्मीद थी कि मृतक का कोई परिजन श्मशान घाट आएगा, जो चिता को आग देगा, लेकिन वहां भी कोई नहीं आया, तब निगमकर्मियों ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार कर दिया.


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