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पटना हाईकोर्ट ने सीवान के जिला प्रशासन पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, PM राहत कोष में जाएगी ये राशि, जानें मामला
Siwan News: याचिकाकर्ता ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर आज भी कोर्ट को अंचल पदाधिकारी द्वारा बरगलाया जा रहा है. कुछ लोगों का अतिक्रमण आधा अधूरा हटाया गया है.
![पटना हाईकोर्ट ने सीवान के जिला प्रशासन पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, PM राहत कोष में जाएगी ये राशि, जानें मामला Patna High Court imposed fine of 50 thousand on the district administration of Siwan ann पटना हाईकोर्ट ने सीवान के जिला प्रशासन पर लगाया 50 हजार का जुर्माना, PM राहत कोष में जाएगी ये राशि, जानें मामला](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/05/01/ef75169529d7dbb3590971ce2d43dd331682920347287340_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
सीवान: पटना हाईकोर्ट ने सीवान जिला प्रशासन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की यह राशि दो महीने के भीतर जमा करनी है. यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा होगी. मई में भी जिला पदाधिकारी सीवान और अंचल पदाधिकारी दारौंदा पर हाईकोर्ट ने 25-25 हजार रुपये का बेलेबल वारंट जारी किया था. इसके बाद सीवान जिला प्रशासन की नींद खुली और छह सालों से पटना हाईकोर्ट के आदेश को दबाकर रखने के बाद दारौंदा बाजार, ब्लॉक की जमीन और श्मशान की भूमि से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया गया. हालांकि अतिक्रमण हटाने में दारौंदा अंचल पदाधिकारी और जिले के तमाम पदाधिकारी फेल ही रहे हैं. इसके बाद हाईकोर्ट ने फर्जी जमाबंदी समेत दूसरी सभी समस्याओं को दूर करने और अतिक्रमण हटाने के लिए अंचल पदाधिकारी एवं जिला पदाधिकारी को चार महीने का समय दिया है.
क्या है पूरा मामला?
दारौंदा बाजार, प्रखंड कार्यालय और श्मशान की जमीन को बचाने के लिए स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र ठाकुर साल 2009 से सरकार का ध्यान आकृष्ट करते रहे, लेकिन 2017 में सरकारी भूमि से उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए पटना हाईकोर्ट में लोकहित याचिका CWJC 2925/2017 दायर की. इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए छह महीने के भीतर अतिक्रमण हटाने का आदेश प्रशासन को दिया था. अतिक्रमण हटाने के बजाय कई नए मार्केट तैयार हो गए.
इसकी जानकारी याचिकाकर्ता ने राजस्व विभाग पटना को कई बार दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. 2019 में कुछ अतिक्रमणकारियों ने पटना हाईकोर्ट में एक याचिका CWJC 13279/2019 दायर कर दी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए अपने पूर्व के आदेश को पालन करने का निर्देश दिया मगर जिला प्रशासन ने इसमें कोई रुचि नहीं ली. इसके बाद याचिकाकर्ता वीरेंद्र ठाकुर ने कोर्ट के अवमानना का मामला MJC 3097/2019 दायर किया.
सरकार को हो रहा है नुकसान
बाजार की जमीन पर पटना हाईकोर्ट के आदेश को धत्ता बताते हुए कई मार्केट कॉम्प्लेक्स बन गए हैं. इन कॉम्प्लेक्स में तीन सरकारी बैंक हैं जिसका राजस्व सरकार को नहीं बल्कि निजी लोगों को जाता है. कई मार्केट हैं जो निजी हैं. कुल मिलाकर निजी मार्केट में 100 से अधिक दुकानें हैं.
अतिक्रमण हटाने लिए क्या हुआ?
डीएम और अंचल पदाधिकारी के ऊपर जब 25-25 हजार रुपये का बेलेबल वारंट जारी हुआ तो जिले में नए आए जिला पदाधिकारी ने इस पर संज्ञान लिया. अंचल पदाधिकारी को हाईकोर्ट के आदेश का पालन सख्ती से करने को कहा. इसके बाद एक-दो जेसीबी के माध्यम से अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति कर दी गई.
क्या कहते हैं याचिकाकर्ता?
इस मामले पर याचिकाकर्ता ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर आज भी कोर्ट को अंचल पदाधिकारी द्वारा बरगलाया जा रहा है. कुछ लोगों का अतिक्रमण आधा अधूरा हटाया गया है. इसकी जांच स्वयं जिला पदाधिकारी को करनी चाहिए क्योंकि अनुमंडल में भी अंचल पदाधिकारी के रिश्तेदार ही कार्यरत हैं. ब्लॉक की जमीन से अतिक्रमण नहीं हटाया गया. कुछ बड़े लोग है जिनको बचाया जा रहा है. गरीब मजदूर को जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है. डीएम को आवेदन दिया गया है मगर कुछ नहीं हो रहा है.
दारौंदा के सीओ ने क्या कहा?
दारौंदा के सीओ दीनानाथ कुमार ने कहा कि पिछली बार 25-25 हजार रुपये का बॉन्ड था जो हमलोगों ने भर दिया था. इस बार कोर्ट ने 50 हजार रुपये का फाइन किया है. इस सवाल पर कि क्या इसे भर दिया गया है इस पर कहा कि यह जिले से जानकारी मिलेगी.
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