गयाः शहर के पुलिस लाइन स्थित आंबेडकर नगर के रहने वाले नागसेन अमन की चीन में हत्या के बाद उसका शव भारत नहीं आ सका है. गुरुवार की देर शाम मखदुमपुर विधायक सतीश कुमार दास उसके घर पहुंचे. यहां परिजनों से मिलने के बाद उनका ढांढस बंधाया और केंद्र सरकार व अपने दल के नेता से इस मुद्दे पर बात कर अमन के पार्थिव शरीर को गया लाने की कोशिश करने की बात कही.


सतीश कुमार दास ने कहा कि भारत में जातीय व्यवस्था सिर चढ़कर बोल रहा है, यह सभी लोग जान रहे हैं. नागसेन अमन दलित समाज से है इस वजह से हो सकता है कि उसके शव को लाने में इतना विलंब हो रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में उन्होंने एक पोस्टर भी लगाया था कि क्या बिहार में दलित होना गुनाह है? इस घटना को इससे जोड़ा जा सकता है.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बनाना चाहिए था दबाव


नागसेन अमन की हत्या को लेकर विधायक ने कहा कि अभी तक बिहार सरकार का कोई भी जनप्रतिनिधि या कोई प्रशासनिक पदाधिकारी इनके घर संवेदना प्रकट करने तक नहीं आया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले का संज्ञान लेकर भारत सरकार पर शव को लाने के लिए दबाव बनाना चाहिए था. यह बिहार की अस्मिता का सवाल है. किस परिस्थिति में हत्या हुई और क्यों हुई इसकी जानकारी परिजनों को उपलब्ध करानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है. 29 जुलाई को हत्या हुई थी, अगर भारत सरकार सक्रिय होती तो अबतक हत्या के कारणों का पता चल जाता.


बता दें कि नागसेन अमन 2019 में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने चार वर्षों के लिए चीन गया था. वह बीजिंग के तेनजिन फॉरेन यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल का इकलौता छात्र था. 23 जुलाई को उसने अपने परिजनों से बात की उसके बाद से उसका मोबाइल बंद हो गया. 29 जुलाई को यूनिवर्सिटी की ओर से यह बताया गया कि उसकी मौत हो गई है. वहीं, दो अगस्त को एम्बेसी के द्वारा मेल के जरिए बताया गया कि नागसेन अमन की हत्या की गई है. हत्या के आरोपी को वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.


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