पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लगातार कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों की संख्या में वृद्धि की जा रही है. इसी क्रम में मंगलवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना स्थित आईजीआईएमएस को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने का निर्देश दिया. पहले से भी आईजीआईएमएस में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड की व्यवस्था थी, लेकिन अब अस्पताल में बड़ी संख्या में कोरोना मरीजों का इलाज संभव हो पाएगा.


मुफ्त इलाज का किया था एलान


आईजीआईएमएस को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने का निर्देश देने से पहले बीते दिनों मुख्यमंत्री ने आईजीआईएमएस में कोरोना मरीजों के मुफ्त इलाज की घोषणा की थी. तभी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए केवल 100 बेड ही थे. इस पर विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे. ऐसे में मंगलवार को सीएम नीतीश ने पूरे अस्पताल को कोरोना डेडिकेटेड अस्पताल में परिणत करने का निर्देश दिया है.


अलटरनेट डे पर लें जानकारी 


बता दें कि बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में इलाज की पूरी व्यवस्था रखें, अनुमण्डल स्तर पर भी इलाज की पूरी तैयारी रखें. आईजीआईएमएस पटना को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल के रूप में परिणत करें. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग, सभी जिलों के जिलाधिकारियों से कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति की जानकारी अलटरनेट डे पर लें और उसके आधार पर जरूरी कदम उठायें. 


इलाज में ना हो किसी तरह की कोताही


मुख्यमंत्री ने कहा, " कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ टीकाकरण की गति बढ़ाएं 1 मई से 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के लोगों का भी टीकाकरण कराया जाएगा. राज्य सरकार मुफ्त टीकाकरण कराएगी. टीकाकरण को लेकर पूरी तैयारी रखें." उन्होंने कहा कि बचे हुए पुलिसकर्मियों का टीकाकरण अवश्य कराएं. कोरोना संक्रमितों के इलाज में किसी प्रकार की कोई कोताही न हो, इस पर विशेष ध्यान दें. समस्या को कैसे कम किया जा सकता है, इस पर सकारात्मक रवैये के साथ काम करें. लोगों को बचाव के लिये पूरी तरह सतर्क रहें. मिसगाइड करने वाले कुछ नकारात्मक प्रवृति के लोग हैं, उन पर नजर रखें."


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