पटना: कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच बीते रविवार को सीएम नीतीश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि बिहार के लोग जो बाहर हैं और बिहार वापस आना चाहते हैं, वे जल्द से जल्द आ जाएं. लेकिन, पिछले साल की तस्वीरें अभी भी लोगों के जेहन में जिंदा हैं. ऐसे में सबके मन में ये सवाल है कि इस बार बिहार सरकार की तैयारी कैसी है? 


दिल्ली में लॉकडाउन के बाद लौट रहे प्रवासी


फिलहाल बहुत बड़ी संख्या में प्रवासी बिहार लौटकर नहीं आए हैं. लेकिन सोमवार की शाम से दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद जो तस्वीरें सामने आईं हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अब बिहार लौटने वालों की संख्या बढ़ेगी. सरकार भी लगातार इस चीज को मॉनिटर कर रही है. इस संबंध में बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत की. 


कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर लगाना है ब्रेक


उन्होंने बताया कि सरकार ये चाहती है कि कोरोना संक्रमण न फैले. ऐसे में जो बिहारी राज्य वापस आना चाहते हैं, वो शीघ्र आ जाएं. ताकि यहां उन्हें क्वारंटाइन करने की व्यवस्था कर कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके. मंत्री ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग की तरफ से बिहार आने वाले लोगों की मदद के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया गया है, जो पिछले 7 दिनों से काम कर रहा है और लगातार वरीय अधिकारी उसकी मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में यह काम हो रहा है. 


रोजगार के सवाल पर कही ये बात


मालूम हो कि इस बार गाड़ियां चल रही हैं, इसलिए पिछले साल जैसी समस्या सुनने को नहीं मिल रही है. लेकिन इस बार प्रश्न यह है कि लोग अगर आते हैं तो उनके लिए रोजगार की व्यवस्था है या नहीं? इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि सभी प्रश्नों का समाधान अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. जिला स्तर पर सभी श्रम अधीक्षकों को अलर्ट किया गया है. इस बाबत नोडल अफसर भी तैनात किए गए हैं, जो दूसरे विभागों के संपर्क में हैं और सारी तैयारी कर रहे हैं. 


आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष 14 लाख 82 हजार लोग कोरोना काल में बिहार में लौटे थे. लेकिन बड़ी संख्या में लोग वापस भी गए. लगभग 3,49,000 लोगों को ग्रामीण विकास विभाग और अन्य विभागों के माध्यम से यहां रोजगार मुहैया कराया गया था.


मंत्री जीवेश मिश्रा ने किया ये आग्रह


पत्रकारों से बातचीत करते हुए मंत्री ने ये भी बताया कि उनके विभाग से 4 दिन पहले 14 लाख 87 हजार रजिस्टर्ड श्रमिकों के खाते में 3-3 हजार रुपये चिकित्सा सहायता भत्ता के रूप में भेज दिए गए हैं. चिकित्सा सहायता भत्ता के नाम पर लगभग 446 करोड़ रुपये लोगों के खाते में भेजे जा चुके हैं. मंत्री ने कहा कि हमारा बिहार लौट रहे लोगों से आग्रह है कि वे अपने राज्य में ही रहें और अपने हुनर के हिसाब से यहीं रोजगार सृजन करें. सरकार इस बाबत उनके साथ बहुत गंभीरता से खड़ी है.


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