पटना: सोमवार को उत्तरी बिहार के अररिया और किशनगंज जिले में भारी बारिश होने की चेतावनी दी गई है. इन जिलों के लोग को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. वहीं, दक्षिण बिहार में आज भी 45 डिग्री के आसपास तापमान रहने की पूर्वानुमान है. इस दौरान लोगों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है. आज भी राज्य के 11 जिलों में बारिश होगी, जबकि 14 जिलों के तापमान में काफी बढ़ोतरी के साथ चिलचिलाती धूप रहेगी. बिहार के किशनगंज, समस्तीपुर, पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, कटिहार और भागलपुर जिलों में काले बादल छाए रहेंगे. साथ ही बिजली चमकने व हल्की या मध्यम स्तर की वर्षा होने का पूर्वानुमान है. बीते रविवार को राज्य के तीन जिलों में बारिश हुई, जिसमें सबसे अधिक किशनगंज जिले में 52.6 मिमी वर्षा हुई, जबकि अररिया जिले के जोकीहाट में 40.2 मिमी वर्षा हुई. इसके अलावे सुपौल जिले में भी बारिश हुई है.


उत्तरी भाग में बारिश होने के साथ ही तापमान में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आज भी बिहार के 14 जिलों में भीषण गर्मी के साथ तापमान में बढ़ोतरी देखी जा सकती है, जबकि दक्षिण-पश्चिम भाग के बक्सर, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल, रोहतास, कैमूर, गया और नवादा जिले में भीषण गर्मी के साथ 40 से 45 डिग्री तापमान होने के आसार है. वहीं, उत्तर बिहार में भी 35 से 38 डिग्री तापमान रहने का पूर्वानुमान है. बीते रविवार को पांच जिलों में तापमान 41 से 45 डिग्री के बीच रहा. सबसे अधिक तापमान औरंगाबाद में 45.1 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं, रोहतास जिले के डेहरी में भी 44.8 डिग्री, गया में 44.1 डिग्री, बक्सर में 43.6 और नवादा 41.1 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ चिलचिलाती धूप से लोग परेशान रहे.


ये भी पढ़ें- Tejashwi on Hindu-Muslim: तेजस्वी का 'M' अलाप, कहा- किसी भी राज्य में मुसलमान CM नहीं, फिर भी हिंदू खतरे में है?


दक्षिणी भाग में पछुआ हवा के कारण तेजी से बढ़ रहा तापमान


बिहार के दक्षिणी भाग में पिछले 3 से 4 दिनों से पछुआ एवं दक्षिण-पछुआ हवा का प्रवाह सतह से 1.5 किमी ऊपर तक बना हुआ है, जिसके कारण दक्षिणी-पश्चिमी एवं दक्षिणी-मध्य भाग के कुछ जिलों का तापमान आज भी 42 से 45 डिग्री तक रहने की संभावना है. आज सिर्फ बिहार के उत्तरी भाग में पूर्वी एवं दक्षिणी पूर्वी हवा का प्रवाह सतह से 0.5 किमी ऊपर तक बना हुआ है, जिसकी गति लगभग 8 से 10 किमी प्रति घंटे है. इसके साथ ही एक चक्रवातीय परिसंचरण का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उसके आसपास के इलाके में समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर अवस्थित है, जिसके प्रभाव से उत्तरी बिहार के कुछ भागों में भारी बारिश होने की संभावना है.


ये भी पढ़ें- Report Card Politics: महागठबंधन को JDU की दो टूक, वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा- नीतीश ने बिहार में पेश किया है उदाहरण