पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने महागठबंधन द्वारा स्वयं को बरकरार रखने के प्रयासों के प्रति आरजेडी की उदासीनता पर खेद व्यक्त करते हुए पार्टी के भविष्य का फैसला करने के लिए अपने संस्थापक उपेंद्र कुशवाहा को अधिकृत किया है.


पटना में गुरुवार को आयोजित आरएलएसपी की एक आपात बैठक के दौरान कुशवाहा ने संबोधन में कहा, ‘‘हमलोग पूरी मजबूती के साथ रहे हैं और आगे भी रहते, लेकिन आरजेडी ने जिस नेतृत्व (तेजस्वी प्रसाद यादव) को खड़ा किया है उसके पीछे खड़े रहकर प्रदेश में परिवर्तन लाना संभव नहीं.’’


कुशवाहा ने कहा, ‘‘सीटों का मामला आज भी हमारे बहुत महत्वपूर्ण नहीं है. लेकिन बिहार की जनता चाहती है कि नेतृत्व ऐसा हो जो नीतीश कुमार के सामने ठीक से खड़ा हो सके. इतनी आकांक्षा और अपेक्षा जरूर थी. अगर अभी भी राजद अपना नेतृत्व परिवर्तन कर ले तो मैं अपने लोगों को समझा लूंगा.’’


उल्लेखनीय है कि आरजेडी ने एकतरफा निर्णय लेते हुए बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव को आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है.


आरएलएसपी की बैठक में पार्टी नेताओं ने "एकतरफा" फैसले लेने की प्रवृत्ति के लिए आरजेडी को खारिज किया और महागठबंधन को विघटन के कगार पर लाने के लिए उसे दोषी ठहराया.


पार्टी सूत्रों ने हालांकि नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि आरएलएसपी नेता जदयू के साथ लगातार संपर्क में हैं. ‘‘आरएलएसपी को महागठबंधन से बाहर निकलना और एनडीए में वापसी एक "औपचारिकता" मात्र रह गयी है.’’


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