पटना: आरजेडी में खींचतान जारी है. पार्टी नेता एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. एक तरफ जहां तेज प्रताप यादव अपने करीबी आकाश यादव को छात्र आरजेडी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद आर-पार के मूड में हैं. वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी पीछे हटते नजर नहीं आ रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को उन्होंने ऐसा बयान दिया जिससे आरजेडी में जारी अंतर्कलह के और ज्यादा बढ़ जाने की संभावना है. 


केवल सलाह दे सकते हैं तेज प्रताप


दरअसल, तेज प्रताप यादव ने कहा था कि वे कोर कमिटी के सदस्य हैं. पार्टी संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले उन्हें पूछना चाहिए था. इस पर जवाब देते हुए जगदानंद सिंह ने कहा, " तेज प्रताप जिस धारा-33 की बात कर रहे हैं, उस धारा के तहत कोई कार्रवाई नहीं की गई है. धारा-33 में अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात है और मैंने धारा-25 के तहत रिक्त पद को भरा है."


जगदानंद सिंह ने कहा, " कोर कमिटी के किसी सदस्य को किसी की नियुक्ति का अधिकार नहीं है. वो बेचारे भूल जाते हैं कि वो सिर्फ पार्लियामेंट बोर्ड के सदस्य हैं, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष को सिर्फ कैंडिडेट सेलेक्शन में एडवाइस दे सकता है." 


कौन आएगा यह फैसला मेरा


वहीं, तेज प्रताप के पार्टी के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने वाले बयान पर उन्होंने कहा, " पार्टी के संवैधानिक क्रम में तेज प्रताप सिर्फ एक विधायक हैं. पार्टी के हर कार्यक्रम में हर आदमी कहां आ पाता है? उनको बुलाया जाएगा जिसमें उसी में ना आएंगे. यहां मैं बुलाऊंगा तो आएंगे. किसको बुलाना है, किसको नहीं ये मेरा काम है. छात्र आरजेडी का गठन हो गया है, जिसको छात्र आरजेडी बुलाएगा वो आएगा."


तेज प्रताप द्वारा कार्रवाई की मांग किए जाने पर उन्होंने कहा कि वो तो राष्ट्रीय अध्य्क्ष का निर्णय है. वहीं, तेज प्रताप पर कार्रवाई करने के संबंध में उन्होंने कहा, " वो विधायक हैं और  विधायक पर कार्रवाई करने का अधिकार सिर्फ राष्ट्रीय अध्य्क्ष और राष्ट्रीय समिति को है."


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