पटनाः लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री रह चुके तेजप्रताप यादव इन दिनों आक्रोशित हैं. हालांकि अब वह कोई बयान देते हैं या कुछ करते हैं तो उनपर कार्रवाई तय है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लालू प्रसाद यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को अब फ्री हैंड दे दिया है. यही वजह है कि जगदानंद सिंह ने कार्यालय आते ही सबसे पहले तेजप्रताप के चहेते और छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव को हटाया और यह इशारा दे दिया कि वह एक्शन में आ गए हैं. सूत्रों से मिली जानकारी और तेजप्रताप के बयानों को समझते हुए पढ़ें एबीपी न्यूज की इंसाइड स्टोरी.  


दरअसल, यह पहली बार नहीं है कि तेजप्रताप यादव इस तरह का बयान दे रहे हैं. इसके पहले भी आरजेडी के दिग्गज नेताओं के खिलाफ वह बोलते आए हैं. तेजप्रताप की वजह से ही कई बार लालू यादव को खुद बीच में आकर मान-मनौवल करना पड़ा है. सूत्रों के अनुसार, लालू यादव जगदानंद सिंह को खोना नहीं चाहते हैं और उन्हें खुली छूट दे दी है कि आप आगे एक्शन ले सकते हैं. क्योंकि लालू यादव भी यह जानते हैं कि तेजस्वी यादव को जनता ने स्वीकार कर लिया है. ऐसे में तेजप्रताप की इस तरह की हरकत से असर पड़ सकता है.


तेजप्रताप के बयान से रघुवंश प्रसाद को भी पहुंची थी ठेस


साल 2020 में तेजप्रताप यादव ने कहा था कि पार्टी समुंद्र होता है, उसमें से अगर एक लोटा पानी निकल भी जाए तो समुंद्र को कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर यह बात कही थी. यह बात भी रघुवंश प्रसाद सिंह को उतनी ही चुभी थी जितनी आज जगदानंद सिंह को चुभ रही है. तेजप्रताप की बात से दुखी रघुवंश प्रसाद सिंह को मनाने की सारी कोशिश बेकार हो गई थी और उन्होंने दिल्ली एम्स में भर्ती होने के बावजूद अपना इस्तीफा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भेज दिया था. जबकि लालू यादव ने पत्र में ही रघुवंश प्रसाद को कहा था कि आप कहीं नहीं जा रहे हैं.


इस मान-मनौवल से यह आज बिल्कुल साफ है कि लालू यादव भी अपने बेटे तेजप्रताप यादव को बखूबी समझते हैं. तभी उन्होंने जगदानंद सिंह को खुली छूट दी उसके बाद वह माने और पार्टी कार्यालय जा रहे हैं. क्योंकि लालू यादव भी यह बखूबी जानते हैं कि पार्टी में जगदानंद सिंह की कितनी जरूरत है. क्योंकि बिहार में जिस तरह जाति आधारित नेताओं की बात की जाती है उस दृष्टिकोण से भी लालू यादव यह जानते हैं कि पार्टी में जगदानंद सिंह का रहना कितना जरूरी है.  


आरजेडी के स्थापना दिवस से ही आक्रोश में तेजप्रताप


गौरतलब हो कि पांच जुलाई को आरजेडी ने पटना में अपना 25वां स्थापना दिवस मनाया था. उस दिन से लेकर आज तक तेजप्रताप यादव ने एक-दो नहीं बल्कि कई ऐसे बयान दिए हैं जिससे जगदानंद को ठेस पहुंची है.


जगदानंद सिंह को लेकर तेजप्रताप यादव का बयान


पहला बयानः तेजप्रताप यादव ने कहा था कि वह जब भी आते हैं तो जगदानंद सिंह उन्हें रिसीव करने के लिए नहीं आते हैं.


दूसरा बयानः स्थापन दिवस के दिन ही तेजप्रताप ने कहा था, “संगठन में बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो संगठन को आगे जाने देना नहीं चाहते हैं. मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं, लेकिन सच्चाई लोग सुनना नहीं चाहते हैं. हम इशारे में बहुत बात बोल गए हैं, समझने वाले समझ गए होंगे.”


तीसरा बयानः पार्टी के 25वें स्थापना दिवस के ही तेजप्रताप ने कहा- हम कुछ बोलते हैं तो जगदानंद सिंह ताली नहीं बजाते हैं. लगता है नाराज हैं.


चौथा बयानः 8 अगस्त 2021 को छात्र आरजेडी के कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर कह दिया था. कहा था कि जगदानंद सिंह सब जगह जाकर हिटलर की तरह बोलते हैं. पार्टी कार्यालय का मुख्य दरवाजा उनकी की मर्जी से ही खुलता और बंद होता है.


आरजेडी में अगस्त क्रांति की शुरुआत!


इन सारे बयानों से आहत होकर ही जगदानंद सिंह ने लालू यादव से बात की है. जिसके बाद अब आरजेडी में ‘अगस्त क्रांति’ की शुरुआत हो गई है. एक ओर तेजप्रताप यादव बेबाक तरीके से बयान दे रहे हैं तो दूसरी ओर जगदानंद सिंह अपने मान-सम्मान को देखते हुए और लालू यादव की ओर से फ्री हैंड मिलने के बाद गंभीर होकर अंदर ही अंदर कार्रवाई के मूड में हैं. ऐसे में अब तेजप्रताप ने ऐसा-वैसा बयान दिया तो माना जा रहा कि उनपर कार्रवाई हो सकती है. 


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