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Ambedkar Jayanti: इशारों-इशारों में मोदी सरकार पर बरसे मुकेश सहनी, बोले- 5 किलो फ्री चावल ही विकास समझ लिया
Ambedkar Jayanti 2023: मुकेश सहनी ने कहा कि आज संविधान में दिए गए अधिकार से वंचित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आज सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है, जो संवैधानिक अधिकारों को छीनने जैसा है.
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Bihar Political News: विकासशील इंसान पार्टी के (VIP) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने शुक्रवार को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर (Bhim Rao Ambedkar) की जयंती समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बाबा साहेब की ओर से संविधान में दिए अधिकार के कारण हम लोग आज यहां खड़े हैं. लेकिन आज इस संविधान (Indian Constitution) को बदलने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने लोगों से जागरूक रहने की अपील करते हुए कहा कि हमें संविधान की रक्षा के लिए सजग रहने की जरूरत है.
पूर्व मंत्री और वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी कैमूर के दक्षिण कुदरा ब्लॉक स्थित पेंशनर भवन में आयोजित संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती समारोह में सम्मिलित हुए. इस मौके पर उन्होंने बाबा साहेब की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया.
भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है
इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज का काम मंदिर बनाना है, लेकिन आपके वोट से प्रधानमंत्री बनने वाला शख्स आज मंदिर बनाने में जुटा है. उन्होंने कहा कि आज भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है. साहनी ने कहा कि आज पांच किलोग्राम चावल दिए जाने को ही विकास समझ लिया गया है. उन्होंने कहा कि आज संविधान में दिए गए अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है. इसका एकमात्र कारण है कि हमें संविधान की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि आज सरकारी संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है. यह भी संविधान में दिए गए, अधिकारों को छीन ना ही है.
संघर्ष से ही मिलती है मंजिल
सहनी ने जोर देते हुए कहा कि आज लोग कहते हैं कि साहनी जाति की राजनीति करते है, लेकिन ये कहने वाले सुन लें कि सहनी जाति की नहीं, परिवार की राजनीति करता हूं उन्होंने कुर्सी का कोई मोह नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि वैसे किसी पावर को मैं लात मारने के लिए तैयार हूं, जिससे मैं अपने समाज के लोगों का विकास नहीं कर सकूं.
उन्होंने लोगों से संघर्ष का रास्ता अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि संघर्ष के बाद ही मंजिल मिलती है. इस कारण बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलकर उनके सपने को पूरा करने के लिए हम सब को एकजुट होकर संघर्ष करना है, तभी गरीबों का कल्याण हो सकता है.
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