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Delhi Metro: क्या आप जानते हैं? दिल्ली मेट्रो के एक कोच की कीमत कितनी होती है? नहीं ना, तो जानिए
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दिल्ली मेट्रो
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![Delhi Metro: दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी को मेट्रो ने बेहद ही आसान बना दिया है. मेट्रो से आम आदमी घंटो का सफर बिना किसी मुश्किल के तय कर सकता है. आप सभी ने भी मेट्रो में सफर किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेट्रो के एक कोच की कीमत कितनी होती हो सकती है. अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं......](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/bda5c0934d0980d8a18ecaf925078cfb14951.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Delhi Metro: दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी को मेट्रो ने बेहद ही आसान बना दिया है. मेट्रो से आम आदमी घंटो का सफर बिना किसी मुश्किल के तय कर सकता है. आप सभी ने भी मेट्रो में सफर किया होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेट्रो के एक कोच की कीमत कितनी होती हो सकती है. अगर नहीं तो चलिए आपको बताते हैं......
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![मॉर्डन कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) ने 2021 तक देश में मेट्रो के डिब्बे बनाने के बारे में विचार किया है. जिसके बाद ‘मेक इन इंडिया के तहत’ मेट्रो डिब्बों के निर्माण की टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए 150 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/4456e19ab2b17404409a2fc8127a13b202ab9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मॉर्डन कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) ने 2021 तक देश में मेट्रो के डिब्बे बनाने के बारे में विचार किया है. जिसके बाद ‘मेक इन इंडिया के तहत’ मेट्रो डिब्बों के निर्माण की टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए 150 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया गया था.
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![बता दें कि सूत्रों की दी जानकारी के अनुसार ये टेंडर एमसीएफ रायबरेली ने जारी किया था. ये टेंडर मेट्रो के डिजाइन, विकास, विनिर्माण, परीक्षण और एल्युमीनियम के बने यात्री डिब्बों के रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विशेषज्ञता खरीद के लिए जारी हुआ था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/e1ea1f7284a9ae58c829283104cc8f1512da9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बता दें कि सूत्रों की दी जानकारी के अनुसार ये टेंडर एमसीएफ रायबरेली ने जारी किया था. ये टेंडर मेट्रो के डिजाइन, विकास, विनिर्माण, परीक्षण और एल्युमीनियम के बने यात्री डिब्बों के रखरखाव के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और विशेषज्ञता खरीद के लिए जारी हुआ था.
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![इसकी जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया था कि हम इस तरह के कोचों का उत्पादन करने के लिए बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं क्योंकि इससे हम हमारे शहरों की ही जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगे, जो लगातार शहरों में परिवहन विकल्पों का विस्तार करते जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन डिब्बों का बड़े पैमाने पर आयात किया जा रहा है और उन्हें हम बहुत कम लागत पर बना सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/555ef92f4fd782f85b996908593316f826384.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसकी जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया था कि हम इस तरह के कोचों का उत्पादन करने के लिए बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं क्योंकि इससे हम हमारे शहरों की ही जरूरत को पूरा करने में सक्षम होंगे, जो लगातार शहरों में परिवहन विकल्पों का विस्तार करते जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इन डिब्बों का बड़े पैमाने पर आयात किया जा रहा है और उन्हें हम बहुत कम लागत पर बना सकते हैं.
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![रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लगभग, वर्तमान में अन्य देशों से खरीदे गए कोचों की कीमत 8-9 करोड़ रुपये के बीच है, जबकि देश में बने कोचों की लागत 7-8 करोड़ रुपये के करीब होगी,बाद में ये 4-6 करोड़ रुपये तक ही रह जाएगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/4ad6f22af183bd332674f8accd1f068debf2e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लगभग, वर्तमान में अन्य देशों से खरीदे गए कोचों की कीमत 8-9 करोड़ रुपये के बीच है, जबकि देश में बने कोचों की लागत 7-8 करोड़ रुपये के करीब होगी,बाद में ये 4-6 करोड़ रुपये तक ही रह जाएगी.
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![उन्होंने कहा कि देश में बने कोच चीन और अन्य देशों से खरीदे गए कोचों की तुलना में 40 प्रतिशत सस्ते होंगे और अन्य सुविधाओं के साथ वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्जिंग आउटलेट से लैस होंगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/66a09f3aacb1d68128cebe1c2e749836669b7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
उन्होंने कहा कि देश में बने कोच चीन और अन्य देशों से खरीदे गए कोचों की तुलना में 40 प्रतिशत सस्ते होंगे और अन्य सुविधाओं के साथ वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे, मोबाइल चार्जिंग आउटलेट से लैस होंगे.
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![इसके अलावा, वो बोर्ड पर आधुनिक निगरानी उपकरणों के साथ संचार-आधारित सिग्नलिंग, डोर कंट्रोल और ट्रेन प्रबंधन प्रणाली सहित सुरक्षा सुविधाओं का भी दावा करेंगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/03/a5774e53dac979a143055ec1e49095a018d88.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इसके अलावा, वो बोर्ड पर आधुनिक निगरानी उपकरणों के साथ संचार-आधारित सिग्नलिंग, डोर कंट्रोल और ट्रेन प्रबंधन प्रणाली सहित सुरक्षा सुविधाओं का भी दावा करेंगे.
Published at : 03 Feb 2022 02:41 PM (IST)
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डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
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