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गुजरात: दीवाली के अवसर पर राजकोट की एक आर्ट गैलरी में महिलाओं ने बनाई 100 से ज्यादा खूबसूरत रंगोली
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![अलग अलग शहरों और प्रदेशों में रंगोली की शैली में अलग हो सकती है. लेकिन रंगोली बनाए जाने का उद्देश्य, पारंपरिक आकर्षण, कलात्मकता और महत्त्व आज भी कायम है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/13140856/pjimage.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अलग अलग शहरों और प्रदेशों में रंगोली की शैली में अलग हो सकती है. लेकिन रंगोली बनाए जाने का उद्देश्य, पारंपरिक आकर्षण, कलात्मकता और महत्त्व आज भी कायम है.
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![देश में कोरोना लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने कई लोगों की मदद की है. कोरोना काल में उन्होंने लोगों की मदद कर उनके दिलों में खास जगह बनाई है. लोग उन्हें मसीहा कहने लगे. राजकोट में एक महिला ने सोनू सूद की रंगोली बनाकर उन्हें सम्मान दिया है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/13140641/3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
देश में कोरोना लॉकडाउन के दौरान बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने कई लोगों की मदद की है. कोरोना काल में उन्होंने लोगों की मदद कर उनके दिलों में खास जगह बनाई है. लोग उन्हें मसीहा कहने लगे. राजकोट में एक महिला ने सोनू सूद की रंगोली बनाकर उन्हें सम्मान दिया है.
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![मानवता की सेवा करने वाली मदर टेरेसा को आज भी याद किया जाता है. राजकोट में एक महिला ने मदर टेरेसा की रंगोली बनाकर उन्हें एक बार फिर जीवित कर दिया. मदर टेरेसा एक ऐसी महान आत्मा थीं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और भलाई में लगा दिया.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/13140533/4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मानवता की सेवा करने वाली मदर टेरेसा को आज भी याद किया जाता है. राजकोट में एक महिला ने मदर टेरेसा की रंगोली बनाकर उन्हें एक बार फिर जीवित कर दिया. मदर टेरेसा एक ऐसी महान आत्मा थीं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा और भलाई में लगा दिया.
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![दीवाली पर भारत के कई राज्यों में रंगोली बनाने की परंपरा है. रंगोली बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है. आटे, चावल के आटे, हल्दी, कुमकुम से भी सुंदर रंगोली बनाने की परंपरा है.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/13140311/2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दीवाली पर भारत के कई राज्यों में रंगोली बनाने की परंपरा है. रंगोली बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जा सकता है. आटे, चावल के आटे, हल्दी, कुमकुम से भी सुंदर रंगोली बनाने की परंपरा है.
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![दीवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा बहुत पुरानी है. दीवाली पर देशभर में रंगोली बनाने की प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं. गुजरात में राजकोट की एक आर्ट गैलरी में गुरुवार को महिलाओं ने 100 से ज्यादा खूबसूरत रंगोलियां बनाईं. इस दौरान एक महिला ने स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की तस्वीर बनाई.](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/11/13140250/1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
दीवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा बहुत पुरानी है. दीवाली पर देशभर में रंगोली बनाने की प्रतियोगिताएं रखी जाती हैं. गुजरात में राजकोट की एक आर्ट गैलरी में गुरुवार को महिलाओं ने 100 से ज्यादा खूबसूरत रंगोलियां बनाईं. इस दौरान एक महिला ने स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की तस्वीर बनाई.
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![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल
Opinion