ED Raid: 12 घंटे में नोटों का अंबार गिन मशीनें हो गई गर्म... जानें ED की रेड में मंत्री आलमगीर आलम के कनेक्शन का पूरा कैश कांड
ईडी की रेड रांची के अलग-अलग 6 ठिकानों पर हो रही है, जिसमें अब तक 20 से 30 करोड़ रुपये बरामद होने की बात कही जा रही है. नोटों की गिनती लगातार जारी है. बरामद किए गए नोटों के अंबार में ज्यादातर नोट 500 के हैं. साथ ही ज्वेलरी भी बरामद हुई है.
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View In Appप्रवर्तन निदेशालय ने ये रेड वीरेंद्र के. राम से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हुई है. वीरेंद्र को ईडी ने पिछले साल फरवरी में गिरफ्तार किया था और वो पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. इनके ऊपर ग्रामीण विकास विभाग की कई परियोजनाओं को लागू करने में अनियमितताएं बरतने का आरोप है.
दरअसल, वीरेंद्र के. राम झारखंड ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व चीफ इंजीनियर हैं. 2019 में वीरेंद्र राम के सहयोगी के यहां से नकदी बरामद की गई थी.
इसके बाद ही ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. ईडी ने आरोप लगाया था कि वीरेंद्र राम ने ठेकेदारों को टेंडर देने के बदले कमीशन के रूप में आपराधिक आय इकट्ठी की.
ईडी ने जब वीरेंद्र राम से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि रिश्वत का पैसा मंत्री के घर तक पहुंचाया जाता है. ये पहली बार था जब मंत्री आलमगीर आलम का नाम सामने आया था. इसी दौरान आलमगीर के निजी सचिव संजीव पाल का भी नाम सामने आया था.
इस पूरी छापेमारी पर आलमगीर आलम ने कहा कि संजीव पाल पहले भी दो मंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं. वो एक सरकारी कर्मचारी हैं और अनुभव के आधार पर नियुक्ति की जाती है. ईडी की जांच पूरी होने से पहले इस मामले पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
इस पूरे मामले पर बीजेपी ने एक बार फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है और मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी की मांग की है. इसके साथ ही बीजेपी ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां छापेमारी में 300 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति का मुद्दा भी उठाया.
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