Nancy Pelosi Indo Pacific Ocean Visit: अमेरिका (America) की हाउस स्पीकर (House Speaker) नैंसी पलोसी (Nancy Pelosi) और उनकी अगुवाई में हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) के दौरे पर निकला उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आज सुबह सिंगापुर (Singapore) पहुंच गया. इस दल की सिंगापुर में प्रधानमंत्री ली सेन लूंग और राष्ट्रपति हिलमाह याकूब समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की. इस बीच चीन (China) ने दक्षिण चीन सागर (South China Sea) के इलाके में 2-6 अगस्त के बीच आवाजाही पर रोक के लिए वार्निंग जारी कर दी है.


हालांकि अभी पेलोसी के अपने इस दौरे में ताइवान जाने की संभावना बरकरार है. माना जा रहा है कि अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव की प्रमुख और राष्ट्रपति के बाद तीसरी सबसे अहम नेता सिंगापुर के बाद पड़ोसी मुल्क मलेशिया जा सकती हैं. जिसका जिक्र उन्होंने अपने इस दौरे को लेकर जारी मीडिया बयान में भी किया था.


चीन ने जारी की नैविगेशन वार्निंग


इस बीच चीन ने दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास का हवाला देते हुए 2 अगस्त 2022 से 6 अगस्त 2022 की मध्यरात्रि तक नैविगेशन वार्निंग जारी की है. चीन के समुद्री सुरक्षा प्रशासन ने यह नैविगेशन वार्निंग जारी की है. सिंगापुर और मलेशिया के बाद जब पेलोसी का विमान दक्षिण कोरिया और जापान का रुख करेगा और सामान्य स्थिति में उसका रास्ता दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर पर से होकर गुजरेगा. यानि यही वो समय होगा जब नैंसी और अन्य नेताओं को लेकर चल रहे अमेरिकी वायुसेना का बोइंग-C40C विमान के ताइवान में उतरने की संभावना होगी. समय के लिहाज से देखें तो भी 2-6 अगस्त के बीच ही नैंसी के ताइवान में उतरने की संभावना बनती है.


चीन ने अमेरिका को दी चुनौती


चीन की चेतावनी का मतलब है कि शी जिनपिंग ने अपनी लक्ष्मण रेखा खींच दी है और साथ ही अमेरिका को सीधी चुनौती भी दे डाली है. साफ है कि यह टकराव का नया मोर्चा है क्योंकि चीन यह पहले ही साफ कर चुका है कि अमेरिका की स्पीकर अगर ताइवान जाती हैं तो यह आग से खेलने जैसा होगा. चीन की इस धमकी को लेकर अमेरिका में भी नाराजगी है. अमेरिका के पूर्व स्पीकर न्यूट गिंगरिच ने अपनी ही सरकार को ललकारते हुए कहा कि चीन की धमकी के आगे झुकने का मतलब होगा कि अमेरिका अपनी कमजोरी दिखा रहा है. इससे बहुत गलत संदेश जाएगा.


दक्षिण चीन सागर में सक्रिय हुआ 7वां बेड़ा


इस बीच अमेरिका (America) की इंडो-पैसिफिक कमांड का 7वां बेड़ा दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में सक्रिय हो गया है. चीन (China) की धमकियों को नज़रंदाज़ कर हो रही पलोसी (Pelosi) की इस यात्रा में अमेरिकी लड़ाकू विमान एस्कॉर्ट करने के लिए तैयार हैं. अमेरिकी विमानवाहक युद्धपोत USS रोनाल्ड रीगन और उसके साथ चलने वाले युद्धक बेड़े को दो दिन पहले ही सिंगापुर (Singapore) से दक्षिण चीन सागर में तैनात किया गया है. अमेरिकी नौसेना (US Navy) के 7वें बेड़े के मुताबिक यह फिलहाल अग्रिम मोर्चे पर तैनात एकमात्र विमानवाहक पोत और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप है. साथ ही अमेरिकी परमाणु अटैक पनडुब्बियों को मदद मुहैया कराने वाला अमेरिकी पोत USS Frank Cable भी मलेशिया के बंदरगाह पर पोर्ट कॉल कर समंदर में पहुंचा दिया गया है. चीन में मौजूद अमेरिकी दूतावास अपने सभी नागरिकों की मदद के लिए इमरजेंसी नम्बर भी अचानक वीबू सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए हैं.


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