रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बार फिर कहा है कि वह यूक्रेन में अपना लक्ष्य हासिल करके रहेंगे. पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस को कमजोर और निर्भर बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन से तीन शर्तों पर बातचीत हो सकती है. खास बात यह रही कि पुतिन ने पहली बार यह माना कि दुनिया के तमाम देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से रूसी लोगों की समस्याएं बढ़ जाएंगी. चलिए पुतिन के संबोधन की बड़ी बातें जान लेते हैं.


नेशनल टेलीविजन पर ब्रॉडकास्ट की गई सरकारी मीटिंग में पुतिन ने यूक्रेन को लेकर ये बातें कहीं. रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि पश्चिमी देश रूस को "कमजोर निर्भर देश" बनाना चाहते हैं. रूस की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करना चाहते हैं और अपने अनुकूल देश को दुनियाभर में अलग-थलग करना चाहते हैं. पुतिन ने पहली बार माना  कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ जाएगी. इससे निपटने के लिए अर्थव्यवस्था में बदलाव करने की जरूरत है.


व्लादिमिर पुतिन ने कहा कि रूस यूक्रेन के साथ तीन मुद्दों पर बातचीत करने के लिए तैयार था और अब भी तैयार है. इसमें यूक्रेन की तटस्थ स्थिति, विसैन्यीकरण, और विमुद्रीकरण शामिल हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारे देश और भविष्य के लिए सिद्धांत का सवाल है. रूस की सेना ने बीती 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया था. तब से अब तक यूक्रेन की सेना आक्रमणकारियों का जमकर मुकाबला कर रही है. इस भीषण युद्ध की वजह से यूक्रेन के कई शहर खंडहर हो चुके हैं और हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.


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