एक्सप्लोरर

अगर रूस बंद कर दे गैस सप्लाई, तो यूरोप में मच सकता है हाहाकार

जी-7 ने रूस यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी तेल को खरीदने पर प्राइस कैप को लागू करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का फैसला किया है.

रूस यूक्रेन के बीच लगभग 6 महीने से जंग जारी है. इस बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बीते बुधवार यानी 7 सितंबर को पश्चिमी देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिन देशों ने प्राइस कैप लगाया है, उन्हें तेल और गैस की सप्लाई बंद कर दी जाएगी. सऊदी अरब के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश होने के नाते रूस की इस तरह की चेतावनी यूरोप के दर्जनों देशों में भीषण ऊर्जा संकट पैदा कर सकती है. इसके अलावा अगर रूस यूरोपीय देशों को तेल गैस की सप्लाई बंद करता है तो उसे सर्दी में ठिठुरकर जम जाने का भी खतरा है. दरअसल दशकों से दोनों देशों के बीच ऊर्जा समझौता था, जिससे दोनों ही मुल्कों को फायदा हुआ था. हालांकि, अब गैस की सप्लाई रुकती है तो लोगों के आगे घरों को गर्म रखने की चुनौती खड़ी हो सकती है.

इसके अलावा उद्योग-धंधों, अस्पताल, सेना, स्कूलों और तमाम व्यवसायिक कामकाज पर ताला लग जाएगा. पहले से ही मंदी की मार झेल रहे यूरोपीय देशों के लिए पुतिन का एक फैसला बड़ी आफत ला सकता है. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने प्रशांत बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में आयोजित पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum) पर ये बात कही. उन्होंने कार्यक्रम के दौरान कहा कि, 'पश्चिम के कुछ देश हैं जो तेल और गैस की कीमतों को सीमित करने पर विचार कर रहे हैं. मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि अगर इस फैसले से हमें नुकसान होता है तो हम समझौते के साथ गैस, तेल, कोयला या ईंधन की सप्लाई नहीं करेंगे. 

वहीं नाटो महासचिव ने चेतावनी दी है कि व्लादिमीर पुतिन की यूरोप पर 'ऊर्जा ब्लैकमेल' इस सर्दी में 'नागरिकों के परेशानी का कारण बन सकती है. नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने स्वीकार किया कि आने वाले महीनों में सर्दी 'कठिन' होगी. 

फाइनेंशियल टाइम्स में लिखते हुए, पश्चिमी सुरक्षा गठबंधन के बॉस ने कहा, "सर्दी आ रही है और यह यहां के लोगों और सशस्त्र बलों के लिए इस ठंड को झेल पाना कठिन होगा. हमें ऊर्जा कटौती, व्यवधान और शायद नागरिक अशांति के खतरे के साथ एक कठिन छह महीने का सामना करना पड़ता है. लेकिन हमें अत्याचार के लिए खड़ा होना चाहिए."

व्हाइट हाउस ने लगाया आरोप 

रूस की इस चेतावनी पर व्हाइट हाउस ने आरोप लगाया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ऊर्जा को हथियार बना रहे हैं. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरेन जीन-पियरे ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, ''इस चेतावनी से पता चलता है कि पुतिन एक बार फिर अपने शब्दों और अपने कार्यों से ऊर्जा को हथियार बना रहे हैं. हालांकि, राष्ट्रपति (जो बाइडन) और यूरोप में हमारे सहयोगियों ने पहले ही इस कदम की भविष्यवाणी की थी. हम इस स्थिति के लिए महीनों से तैयारी कर रहे हैं. हमने मूल्य सीमा तय करने के विभिन्न विकल्पों पर चर्चा की है.''

उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ ने यूरोप में प्राकृतिक गैस के वैकल्पिक स्रोतों को बढ़ाने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है. इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि वह विकसित देशों के समूह जी-7 की घोषणा के अनुरूप रूस के तेल आयात पर एक मूल्य सीमा लागू कराने के लिए संकल्पबद्ध है. अमेरिका का कहना है कि रूसी तेल के दाम की सीमा तय करने का 'प्रभावशाली तरीका' यूक्रेन में रूस के ‘गैरकानूनी युद्ध’ के लिए धन जुटाने के मुख्य स्रोत पर तगड़ी चोट करेगा. इसके अलावा इस कदम से अमेरिका को तेजी से बढ़ती वैश्विक मुद्रास्फीति से लड़ने में मदद मिलने की भी उम्मीद है. 

दरअसल दुनिया की सात सबसे बड़ी कथित विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों के समूह जी-7 ने रूस यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी तेल को खरीदने पर प्राइस कैप को लागू करने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का फैसला किया है. बता दें कि जी-7 देश में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमरीका शामिल हैं. इसे ग्रुप ऑफ़ सेवन भी कहते हैं. वहीं जी-7 के इस फैसले पर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘रूस मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट के बाहर कुछ भी सप्लाई नहीं करेगा. आर्थिक दृष्टिकोण से यह सही है. सामाजिक दृष्टिकोण से यह खतरनाक है. इसलिए अन्य देशों के लिए भी यही फायदेमंद होगा कि वह नियमों का पालन करें.'

पिछले 6 महीने से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. जहां एक तरफ यूरोपीय कंट्रीज ने रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लाने की कोशिश की है. वहीं दूसरी तरफ यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूसी तेल पर G7 के प्राइस कैप का समर्थन किया है. इसके साथ ही यूक्रेन ने रूस से खरीदे जाने वाले गैस की कीमत पर भी प्राइस कैप लगाने की अपील की है. उन्होंने G7 के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि रूस ने तेल के बढ़ते आर्टिफिशियल दाम से ब्लैकमेल करने की कोशिश की है. अब G-7 के इस फैसले से उनकी आमदनी पर असर पड़ेगा. 

दरअसल 6 महीने से चल रहे इस जंग को रोकने की कोशिश में पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए, बावजूद इसके रूस का मानना है कि इस कदम का उनपर कोई असर नहीं पड़ रहा है, बल्कि उन्हें फायदा ही हो रहा है. लेकिन अगर रूस ने पश्चिमी देशों को गैस-तेल की सप्लाई देना बंद कर दिया तो इससे वैश्विक ऊर्जा बाजार बुरी तरह प्रभावित कर सकती है

क्या यूरोप रूस से गैस खरीदना कर सकता है बंद 

इन सब के बीच सवाल ये उठता है कि अगर राष्ट्रपति पुतिन पश्चिमी देशों को गैस-तेल की सप्लाई देना बंद कर देते है तो यूरोप पर कितना असर पड़ेगा. इस सवाल के जवाब को जानने के लिए ये जानना सबसे जरूरी है कि रूस की गैस से यूरोप का रिश्ता काफी पुराना है. बीबीसी के मुताबिक इसकी शुरुआत 1960 के दशक में हुई. उस वक्त सोवियत संघ शीत युद्ध के घेरे में था और यूरोपीय देशों के साथ सोवियत संघ के कारोबारी रिश्ते भी बिल्कुल ठंडे थे. इस बीच एक चमत्कार की तरह सोवियत संघ को साइबेरिया में तेल और गैस का बड़ा भंडार मिला. अब रूस के हाथ एक ऐसी चीज़ थी जिसे पश्चिमी यूरोप खरीदने को बेताब था.

उस वक्त रूस की गैस सस्ती थी इसलिए यूरोप के लिए उनसे गैस खरीदना फायदमंद था. रूस से गैस खरीदने की तुलना में नॉर्वे की गैस हो या फिर लिक्विड नैचुरल गैस यानी एलएनजी दोनों ही महंगी थी. लेकिन अमेरिका नहीं चाहता था कि यूरोपीयन देश रूस से गैस खरीदे. इसी मुद्दे को लेकर अमेरिका और यूरोप के बीच विवाद भी हुए. इसके बाद यूरोप और अमेरिका के बीच एक समझौता हुआ. इसके तहत ये सहमति बनी कि यूरोप रूस से सिर्फ़ 40 प्रतिशत गैस खरीदेगा."

रूस मुंह मोड़ ले तो क्या होगा यूरोप का

रूस के गैस से यूरोप के बड़े हिस्से में बिजली बनाई जाती है लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद से यबरोप रूस की तरफ से मुहं मोड़ लेना चाहता है. हालांकि इस बीत ये भी अनदेखा नहीं कर सकते कि रूसी नेचुरल गैस के बिना यूरोप की इकोनॉमी काफी प्रभावित हो सकती है. हालांकि कई देश रूस का विकल्प भी देख रहे हैं. अमेरिका इस साल के आखिर तक यूरोप को अतिरिक्त 15 अरब क्यूबिक मीटर लिक्विफाइड नैचुरल गैस (LNG) देने को तैयार है. लेकिन इसके बाद भी साल 2030 तक हर साल 50 अरब क्यूबिक मीटर अतिरिक्त गैस सप्लाई की जरूरत होगी. यूरोप एनर्जी के अन्य स्रोतों के इस्तेमाल को भी बढ़ा सकता है, लेकिन ऐसा करने में समय लगेगा और ये उतना आसान भी नहीं है. 

रूस से कौन-कौन से यूरोपीय देश लेते हैं गैस?

यूरोपीय देशों की बात करें तो सबसे ज्यादा गैस सप्लाई जर्मनी को किया जाका है. इसके बाद  इटली, बेलारूस, तुर्की, नीदरलैंड, हंगरी, कजाखस्तान, बुल्गारिया, डेनमार्क, फिनलैंड और पोलैंड वो देश हैं जहां गैस की सप्लाई की जाती है. रूस इन देशों के अलावा चीन और जापान को भी गैस की सप्लाई करता है. अगर यूरोप को रूस की ओर से होने वाली गैस सप्लाई बंद हो जाएगी तो इटली और जर्मनी सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि ये दोनों देश सबसे ज्यादा गैस आयात करते हैं.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

बांग्लादेश की भारत को तोड़ने की धमकी पर हिमंत बिस्वा सरमा का वार, कहा- 'हमें उन्हें सबक सिखाना चाहिए...'
बांग्लादेश की भारत को तोड़ने की धमकी पर हिमंत बिस्वा सरमा का वार, कहा- 'हमें उन्हें सबक सिखाना चाहिए...'
मंत्री राकेश राठौर ने सपा पर लगाया परिवारवाद और जातिवाद का आरोप, 2027 चुनाव पर किया बड़ा दावा
मंत्री राकेश राठौर ने सपा पर लगाया परिवारवाद और जातिवाद का आरोप, 2027 चुनाव पर किया बड़ा दावा
IPL 2026: अपनी टीम 'कोलकाता नाइट राइडर्स' से मोटी कमाई करते हैं शाहरुख खान, जानिए कितना होता है फायदा
अपनी टीम 'कोलकाता नाइट राइडर्स' से मोटी कमाई करते हैं शाहरुख खान, जानिए कितना होता है फायदा
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र आज, 'विकसित और समृद्ध प्रदेश' पर फोकस, कांग्रेस ने बुलाई बैठक
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र आज, 'विकसित और समृद्ध प्रदेश' पर फोकस, कांग्रेस ने बुलाई बैठक

वीडियोज

Hero Xoom 125 vs TVS Ntorq 125 | Auto Live #hero #tvs
Real-World Range Test of Tata Harrier EV | Shocking Results! #tatamotors
Maruti Suzuki Victoris Review | Auto Live #marutisuzuki #victoris
Sansani: दिलजली सनम का आखिरी रोमांस | ABP News
IPL 2026 ऑक्शन में Cameron Green बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
बांग्लादेश की भारत को तोड़ने की धमकी पर हिमंत बिस्वा सरमा का वार, कहा- 'हमें उन्हें सबक सिखाना चाहिए...'
बांग्लादेश की भारत को तोड़ने की धमकी पर हिमंत बिस्वा सरमा का वार, कहा- 'हमें उन्हें सबक सिखाना चाहिए...'
मंत्री राकेश राठौर ने सपा पर लगाया परिवारवाद और जातिवाद का आरोप, 2027 चुनाव पर किया बड़ा दावा
मंत्री राकेश राठौर ने सपा पर लगाया परिवारवाद और जातिवाद का आरोप, 2027 चुनाव पर किया बड़ा दावा
IPL 2026: अपनी टीम 'कोलकाता नाइट राइडर्स' से मोटी कमाई करते हैं शाहरुख खान, जानिए कितना होता है फायदा
अपनी टीम 'कोलकाता नाइट राइडर्स' से मोटी कमाई करते हैं शाहरुख खान, जानिए कितना होता है फायदा
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र आज, 'विकसित और समृद्ध प्रदेश' पर फोकस, कांग्रेस ने बुलाई बैठक
एमपी विधानसभा का विशेष सत्र आज, 'विकसित और समृद्ध प्रदेश' पर फोकस, कांग्रेस ने बुलाई बैठक
IPL Auction 2026: 'अनसोल्ड' रहने पर मायूस पृथ्वी शॉ ने इंस्टाग्राम पर क्या पोस्ट किया जिसे बाद में किया 'डिलीट', जानिए
'अनसोल्ड' रहने पर मायूस पृथ्वी शॉ ने इंस्टाग्राम पर क्या पोस्ट किया जिसे बाद में किया 'डिलीट', जानिए
IPL 2026 ऑक्शन खत्म, कैमरून ग्रीन बिके सबसे महंगे; प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा ने भी बनाया रिकॉर्ड
IPL 2026 ऑक्शन खत्म, कैमरून ग्रीन सबसे महंगे; प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा ने भी बनाया रिकॉर्ड
World Expensive Tea: यह है दुनिया की सबसे महंगी चाय, इसके पौधों को मिला है चीनी राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा
यह है दुनिया की सबसे महंगी चाय, इसके पौधों को मिला है चीनी राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा
Kidney Repair: सड़ी हुई किडनी को डॉक्टरों ने बना दिया हेल्दी, क्या इंसानों पर भी कारगर होगी यह तकनीक?
सड़ी हुई किडनी को डॉक्टरों ने बना दिया हेल्दी, क्या इंसानों पर भी कारगर होगी यह तकनीक?
Embed widget