India-Russia Relation: वैश्विक स्तर पर भारत (India) और रूस (Russia) के बीच रिश्ते बहुत बेहतर हैं. इसके कई उदाहरण हैं जैसे हाल के दिनों में रूस ने जिस तरह से भारत को कम दाम पर तेल मुहैया कराया और भारत ने रूस यूक्रेन युद्ध पर कूटनीतिक तरीके से बागडोर संभाली. दोनों देशों के रिश्ते काफी बेहतर रहे हैं. हालांकि इस वक्त पीएम मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. इस पर रूस की तरफ से भी बयान आया है.


हिंदुस्तान टाइम्स को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू देते हुए रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि जब तक मांग रहेगी तब तक रूस भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना जारी रखेगा.


रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने आगे कहा कि दोनों पक्ष ऊर्जा आपूर्ति को टिकाऊ बनाने और व्यापार असंतुलन को दूर करने के तरीकों पर काम कर रहे हैं. वहीं डेनिस अलीपोव का कहना है कि रूस में बढ़ते चीनी प्रभाव पर रोने के बजाय भारतीयों विशेषज्ञों को भारत के विकास को प्रोत्साहित करना बेहतर होगा.


भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत
रूसी राजदूत ने भारत-रूस संबंधों पर बात करते हुए कहा कि हमारे और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी मजबूत बनी हुई है. इसकी मुख्य वजह ये है कि भारत किसी खास कैंप को नहीं चुनता है. वो अपने वैल्यू पर कायम रहता है. इसके अलावा रूसी राजदूत ने कहा कि भारत के वसुधैव कुटुंबकम को रूस मानता है और इसी तरह की वैल्यू की आकांक्षा यूरोप से करता है. 


भारत के साथ 44.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बिजनेस
रूसी राजदूत ने तेल सप्लाई पर बात करते हुए कहा कि हमने साल 2022-2023 में भारत के साथ 44.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यापार किया, जो भारतीय तेल आयात के 1/3 से अधिक को कवर करता है. इससे रूस भारत के एनर्जी सप्लाई में सबसे बड़ा सप्लायर बनके उभरा है.


उन्होंने कहा कि हम लंबे समय तक भारत को तेल की सप्लाई करना चाहते हैं क्योंकि भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और इसके लिए आने वाले वक्त में तेल की मांग बढ़ने वाली है.


रूसी राजदूत का भारत के साथ संबंधों को लेकर बयान ऐसे वक्त आया है, जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 22 जून के बीच अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां पर वो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात करेंगे. इसमें रूस और यूक्रेन का भी मुद्दा अहम माना जा रहा है.


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