Who is Shamima Begum: UK वापस नहीं लौट पाएगी जिहादी दुल्हन! नौ साल पहले ISIS के लिए छोड़ा ब्रिटेन अब वापसी के लिए तरस रही, पढ़ें शमीमा बेगम की कहानी
Shamima Begum: शमीमा फरवरी 2015 को ब्रिटेन छोड़कर सीरिया भाग गई थी. इस समय उसकी उम्र 24 साल है, लेकिन जब वह ISIS की सदस्य बनी तब उसकी उम्र 15 साल थी.
ब्रिटेन की कोर्ट ने ISIS की जिहादी दुल्हन शमीमा बेगम को ब्रिटिश नागरिकता लौटाने से इनकार कर दिया है. साल 2015 में शमीमा खूंखार आतंकी समूह ISIS में शामिल होने के लिए सीरिया चली गई और समूह में शामिल हो गई. इसके बाद साल 2019 में गृह सचिव साजिद जावेद ने शमीमा को देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक बताते हुए उसकी ब्रिटिश सिटीजनशिप वापस ले ली थी. इसके बाद से वह सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील कर रही है.
पिछले महीने ही कोर्ट ने शमीमा की याचिका को खारिज करते हुए ब्रिटिश नागरिकता वापस देने से इनकार कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट में उसकी अपील को खारिज कर दिया गया है. शमीमा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की मांग की, लेकिन उसकी इस मांग को सोमवार (25 मार्च) को खारिज कर दिया गया. कोर्ट से इनकार के बाद साफ है कि शमीमा बेगम सीरिया में ही रहेगी. पिछले महीने सुनवाई के दौरान महिला जज डैम सुई कैर ने कहा कि शमीमा बेगम के मामले में यह फैसला बेहद सख्त हो सकता है, लेकिन जैसा कि उसने खुद कहा है कि अपना दुर्भाग्य उसने खुद लिखा है.
शमीमा को करना पड़ा ट्रैफिकिंग का सामना?
शमीमा के वकील ने उसे नागरिकता वापस दिलाने के लिए कई तर्क दिए और यह भी कहा कि शमीमा को ट्रैफिकिंग का सामना करना पड़ा और जिस समय वह आईएसआईएस में शामिल हुई तब वह एक बच्ची थी. वहीं, सरकार की तरफ से पेश वकील ने कहा कि शमीमा की तरफ से कभी ऐसा नहीं बताया गया, जबकि उन्होंने मीडिया में कई इंटरव्यू दिए, लेकिन कभी ट्रैफिकिंग की बात नहीं की.
कैसे ISIS में शामिल होने सीरिया पहुंची शमीमा?
फरवरी, 2015 में शमीमा अपने दो दोस्त कजिया सुल्तान और अमीरा आबेज के साथ सीरिया भाग गई थी. उसने सीरिया जाने के लिए अपनी बड़ी बहन के पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. पहले ये तीनें तुर्की पहुंचे और फिर एक स्मगलर की मदद से बॉर्डर क्रॉस करके सीरिया पहुंच गए. पहुंचते ही शमीमा की शादी आईएसआईएस के एक सदस्य यागो रिडजिक से हो गई.
दोनों के तीन बच्चे हुए, लेकिन कुपोषण और बीमारियों की वजह से तीनों की मौत हो गई. इसके बाद ये एक सीरियाई शहर बघौझ चले गए. इस दौरान शमीमा और उसका पति एक-दूसरे से अलग हो गए. उधर, शमीमा के घर छोड़ने के बाद से उसका अपने परिवार से कोई संपर्क नहीं था. घरवालों को शमीमा के बारे में तब पता चला जब एक रिपोर्टर को वह मिली.
देश की सुरक्षा को देखते हुए सरकार ने वापस ले ली शमीमा की नागरिकता
साल 2019 में गृह सचिव साजिद जावेद ने शमीमा की ब्रिटिश सिटीजनशिप वापस ले ली. इसके बाद से शमीमा सरकार के फैसले के खिलाफ कई बार कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है, लेकिन हर बार उसको निराशा ही मिली. अब शमीमा एक सीरियाई रिफ्यूजी कैंप में रह रही है. साल 2022 में बेगम ने स्पेशल इमीग्रेशन अपील्स कमीशन (SIAC) में अपील की, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद शमीमा के वकील ने कोर्ट में याचिका दाखिल की, लेकिन कोर्ट ने SIAC का फैसा बरकरार रखा.
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