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India Canada Crisis: कनाडा विवाद पर भारत को चीन का मिल रहा 'साथ', चीनी मीडिया का दावा- अमेरिका के कहने पर उकसा रहे ट्रूडो
China: भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद में चीनी सरकार ने वैसे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, पर चीनी मीडिया में खूब चर्चा हो रही है. अधिकतर रिपोर्ट में इन सबके पीछे अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है.
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China on India-Canada Crisis: कनाडा और भारत के संबंध 18 सितंबर से खराब दौर से गुजर रहे हैं. संबंधों में कड़वाहट कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उस आरोप के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है. इसके तुरंत बाद कनाडा ने भारत के एक टॉप डिप्लोमैट को निष्कासित किया. जवाब में भारत ने भी कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया.
दोनों देशों के बीच बढ़े विवाद की चर्चा दुनियाभर में हो रही है. अब चीन में भी इसे लेकर बात होने लगी है. खास बात ये है कि चीन के दोनों ही देशों से अच्छे संबंध नहीं हैं. भारत के साथ उसकी दुश्मनी जगजाहिर है, जबकि कनाडा को वह अमेरिका से नजदीकी की वजह से पसंद नहीं करता. कुछ महीने पहले ही चीन और कनाडा के बीच तनातनी हो गई थी. तब से ही चीनी न तो कनाडा को पसंद करते हैं और न ही जस्टिन ट्रूडो को.
चीनी निकाल रहे अमेरिकी कनेक्शन
चीन में यह धारना है कि भारत अमेरिका के साथ दोस्ती करता है इसलिए वह ड्रैगन का दुश्मन है, जबकि कनाडा को लेकर वह मानता है कि यह अमेरिका के 51वें राज्य के रूप में कार्य करता है. ऐसे में भारत-कनाडा विवाद पर छपी कई रिपोर्ट में इन सब विवादों का कारण अमेरिका को बताया गया है. इनमें कहा गया है कि इसमें अमेरिका का दोहरे मानक और पाखंड साफ नजर आता है.
अमेरिका के दोहरे मानकों पर उठाया सवाल
चीन के बीजिंग समर्थक अंग्रेजी भाषा के अखबार ग्लोबल टाइम्स (जीटी) ने इस विवाद पर लगातार तीन दिनों में पांच रिपोर्ट प्रकाशित कीं. इन सभी में नई दिल्ली और ओटावा पर कम बात की गई थी. पूरा फोकस अमेरिका के दोहरे मानकों को उजागर करने पर था. एक लेख में कहा गया, "भारत-कनाडा के बीच बढ़ता विवाद अमेरिकी मूल्यों पर आधारित गठबंधनों के पाखंड को उजागर करता है." वहीं. दूसरे लेख में लिखा था कि "कनाडा-भारत विवाद पर सामूहिक चुप्पी पश्चिम के विशिष्ट दोहरे मानकों को दर्शाती है."
एक आर्टिकल में भारत को किया गया अलर्ट
बीजिंग में चीनी सरकार की ओर से संचालित फॉरेन अफेयर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ली हैडॉन्ग का हवाला देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने नई दिल्ली को अलर्ट करते हुए लिखा कि “यह घटना एक समय पर याद दिलाती है कि पश्चिम के वैचारिक मतभेदों (भारत के साथ) और उसकी औपनिवेशिक मानसिकता को देखते हुए, यह संभव नहीं है कि वे भारत के साथ समान स्तर पर सहयोग करेंगे.''
अमेरिका पर लगाया कनाडा को उकसाने का आरोप
चीनी ऑनलाइन पोर्टल Guancha.cn ने "फ़ॉलिंग आउट?" कॉलम के तहत इस मुद्दे को उठाया. उसने लिखा पश्चिमी देशों ने 20 सितंबर को भारत पर कब्ज़ा करने का अभियान चलाया और भारत को उकसाने की जिम्मेदारी कनाडा को दी. कनाडा के पास रक्षा और सुरक्षा में रणनीतिक स्वायत्तता का अभाव है और उसे अपनी सुरक्षा के बदले में संयुक्त राज्य अमेरिका पर निर्भर रहने की जरूरत है. हाल के वर्षों में अमेरिका का पक्ष और विश्वास जीतने के लिए उसके प्रति अपनी वफादारी दिखाने के लिए चीन को भी उकसा रहा है. अब वह अमेरिका के कहने पर भारत को उकसा रहा है.”
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