Ethiopia News: अफ्रीकन कंट्री इथियोपिया से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां की रहने वाली महिला मुलुवर्क अंबाव का दावा है कि वह बगैर कुछ खाये-पिये जिंदा है. महिला का दावा है कि उसने पिछले साल 16 साल से कुछ नहीं खाया है. इस समय महिला की उम्र 26 साल है और वह 10 साल की उम्र से ही भोजन-पानी त्याग दिया था. मुलुवर्क का कहना है कि जब वह 10 साल की हुई थो उनको खाने-पीने की जरूरत खत्म हो गई. याद करके मुलुवर्क ने बताया कि उन्होंने आखिरी बार लाल दाल का स्टू खाया था. भूख न लगने को वह भगवान की कृपा मानती हैं.


डेली स्टार न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घुमक्कड़ ड्रू बिंस्की ने इथोयोपिया की यात्रा के दौरान मुलुवर्क से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मुलुवर्क से जानने का प्रयास किया कि क्या वह सच में 16 साल से बगैर खाये-पिये जीवित है? इसका जवाब देते हुए मुलुवर्क ने बताया कि, 'मेरा उपवास अचानक से शुरू हुआ. एक दिन मेरी मां ने मुझे नाश्ता बनाकर दिया और स्कूल जाने के लिए बोलीं, लेकिन मेरा मन नहीं हुआ कुछ खाने-पीने का तभी से यह उपवास जारी है.'


मुलुवर्क को नहीं है शौचालय की जरूरत
ड्रू बिंस्की ने मुलुवर्क से मुलाकात के बारे में कहा कि वास्तव में मुलुवर्क की दुनिया एकदम अलग है. वह एक अच्छे पक्के घर में रहती है, उसके कमरे की दीवारों पर पुराने चित्र लगे हैं, जो एक अलग दुनिया का एहसास कराते हैं. मुलुवर्क के घर में एक कच्चा शौचालय है, जिसको लेकर मुलुवर्क ने बताया कि उसको कभी शौचालय की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन उनकी बेटी और बहन शौचालय का प्रयोग करती हैं. मुलुवर्क ज्यादातर अपना समय बागवानी में बिताती हैं और लोगों को सब्जियां देती रहती हैं. उनको भोजना बनाना और बच्चों को खिलाना पसंद है, लेकिन वह कुछ नहीं खाती हैं.


पाचन तंत्र में नहीं मिला कोई पदार्थ
इथियोपिया की राजधानी अदीस अबाबा में डॉक्टरों की टीम ने मुलुवर्क की जांच की है, इस दौरान डॉक्टरों ने मुलुवर्क को एकदम स्वस्थ बताया. डॉक्टरों ने पाया कि मुलुवर्क के पाचन तंत्र में कोई भोजन, पानी या अपशिष्ट पदार्थ नहीं है. ऐसे में उसे पेशाब करने या शौच करने की जरूरत नहीं है. मुलुवर्क ने बताया कि उसकी जांच के लिए दुबई और कतर से भी डॉक्टर आ चुके हैं, लेकिन सभी नॉर्मल बताकर जाते हैं. 


बच्चे को नहीं करा सकी स्तनपान
मुलुवर्क ने बताया कि जब वह गर्भवती थी तो बच्चे को पोषण देने के लिए उन्हें ग्लूकोज दिया जाता था. बच्चे के जन्म के बाद मुलुवर्क उसे स्तनपान नहीं करा सकी. मुलुवर्क का मानना है कि उनकी असामान्य स्थिति भगवान ने की है. वह यह नहीं जानती ऐसा क्यों उनके साथ हो रहा है, साथ ही उनको नहीं लगता कि अब वह खाना खा पाएगी. इसके अलावा मुलुवर्क ने कहा कि जो लोग कहते हैं कि मैं झूठ बोल रही हूं, उनको आकर मेरे साथ रहना चाहिए. 


यह भी पढ़ेंः हिरोशिमा और नागासाकी की तरह गाजा पर भी...जंग के बीच US सीनेटर का चौंकाने वाला बयान