सिर्फ चार देशों से हैं 65% शरणार्थी, 122.6 मिलियन लोग हुए अपनी जमीन छोड़ने को मजबूर

विस्थापित लोग अक्सर सोचते होंगे कि क्या दुनिया के सारे मनुष्‍य नफरत करनेवाले और सारे देशों के मुखिया क्रूर हैं. आखिर इसी धरती के रहवासी कैसे इसी धरती पर शरणार्थी बना दिए गए.

इंसान हो या जानवर दुनिया में जिसका भी अस्तित्व है उसे बुनियादी चीजों से वंचित रखना अमानवीय है. सांपों के लिए बिल है, शेरों के लिए जंगल, पक्षियों के लिए आकाश और इंसानों के रहने के लिए घर, लेकिन वो

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