रियासत की सियासत के लिए राजनीति की रपटीली राहों पर उतर चुकी हैं ये रानियां

राजघरानों की राजशाही 1971 में ही इंदिरा गांधी ने बंद कर दी थी लेकिन अब राजघरानों की रानियां और राजकुमारियां चुनावी मैदान में उतरकर अपनी सत्ता चला रही हैं.

1947 में आजादी के बाद राजपरिवारों के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया क्योंकि भारत ने लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत शासन की राह चुनी थी. अब जनता को ही हर पांच साल में तय करना था कि देश में किसका शासन होगा.

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