लखनऊ: चुनाव के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि जिस यूपी में बीजीपी को सबसे बड़ी जीत मिली उस यूपी की कमान किसको मिलेगी? कौन बनेगा यूपी का मुख्यमंत्री? अटकलों का बाजार गर्म है. कई नाम चर्चा में हैं, लेकिन बीजेपी ने अभी सस्पेंस बना कर रखा है.


वाराणसी में योगी आदित्यनाथ के समर्थक उन्हें सीएम बनाने की मन्नत मांग रहे हैं. भगवान को मनाया जा रहा है, प्रशंसक देश में मोदी और प्रदेश में योगी का जाप कर रहे हैं, लेकिन खुद योगी सीएम के सवाल पर अभी चुप हैं.


राजनाथ सिंह का नाम सबसे आगे


यूपी के चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली है और जीत के बाद से ही हर कोई ये जानना चाहता है कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन बनेगा. रेस में कई नाम हैं लेकिन सबसे आगे मौजूदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह का नाम है.


सुरेश खन्ना का नाम भी चर्चा में


राजनाथ इनकार कर रहे हैं इस बीच मुख्यमंत्री की दौड़ में एक और नाम जुड़ गया है, ये नाम है सुरेश खन्ना का. सुरेश खन्ना शाहजहांपुर से लगातार 8 बार चुनाव जीत चुके हैं.


1989 से ही अगले 28 सालों तक सुरेश खन्ना ने हर बार जीत हासिल की और बीजेपी के साथ जमे रहे. सुरेश खुल कर मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी तो नहीं कर रहे लेकिन वो इस जिम्मेदारी के लिए तैयार जरूर हैं.


सुरेश खन्ना का कहना है, ‘’मैं पार्टी के सिपाही की तरह कई सालों से अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. आगे भी पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, एक कार्यकर्ता के तौर पर निभाता रहूंगा.’’


सीएम के लिए नाम तो केशव प्रसाद मौर्य, मनोज सिन्हा और दिनेश शर्मा का भी चल रहा है लेकिन मुहर किस पर लगेगी इसका अभी इंतजार है. सूत्रों का मानना है कि यूपी का सीएम 2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर चुना जाएगा और वो युवाओं की पसंद होगा.


यूपी में तीन थ्योरी को ध्यान में रख कर सीएम का चुनाव हो सकता है.


पहली है ओबीसी थ्योरी जिसके मुताबिक यूपी में ओबीसी वर्ग के चेहरे को सीएम बनाया जाए. ओबीसी दायरे में बीजेपी के यूपी अध्यक्ष केशव मोर्य फिट बैठते हैं.


दूसरी है जात-पात से ऊपर की थ्योरी इसके मुताबिक ऐसे शख्स को सीएम बनाया जाए जो चार मुख्य जाति ठाकुर, ब्राह्मण, ओबीसी और दलित से अलग जाति का हो.


तीसरा है केंद्र में पिछड़ा, राज्य में अगड़ा थ्योरी- इस थ्योरी के मुताबिक केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी है जो पिछड़ी जाति से आते हैं तो राज्य में अगड़ी जाति का सीएम होना चाहिए.


अटकलों का बाजार गर्म है इस बीच इंतजार लंबा होता जा रहा है. पहले कहा जा रहा है कि आज लखनऊ में होने वाली विधायक दल की बैठक भी टल गई है. अब ये बैठक परसों होगी. इस बैठक में पर्यवेक्षक वेंकैया नायडू और भूपेंद्र यादव विधायकों का मन टटोलेंगे और इसके बाद ही मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी.