एक्सप्लोरर

एनडीए के 38 दलों में से किन नेताओं को पीएम मोदी बना सकते हैं मंत्री, समझिए क्या है पूरा गणित

2024 से पहले साथियों को जोड़ने की कवायद जारी है. बीजेपी ने 38 दलों के साथ एनडीए का विस्तार किया है. बड़ा सवाल है- क्या इन दलों को केंद्र की सत्ता में हिस्सेदारी मिलेगी और हां तो किन दलों को?

2 साल बाद बीजेपी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की बैठक मंगलवार को दिल्ली में हो रही है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के मुताबिक मीटिंग में 38 दलों का महाजुटान होगा. बता दें कि आखिरी बार नवंबर 2021 में एनडीए नेताओं की संयुक्त बैठक हुई थी. 

एनडीए की मीटिंग को सियासी जानकार शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देख रहे हैं. कांग्रेस, आरजेडी, सपा और तृणमूल समेत 26 दलों ने बीजेपी के खिलाफ साझा लड़ाई लड़ने की बात कही है, जिसके बाद बीजेपी भी एनडीए में जान फूंक रही है. 

38 दलों के महाजुटान के बीच सियासी गलियारों में बड़ा सवाल बना हुआ है, क्या बीजेपी इन दलों को केंद्र की सत्ता में भी भागीदारी देगी? अगर हां, तो किन-किन दलों को मोदी कैबिनेट के संभावित फेरबदल में जगह मिल सकती है?

वाजपेयी-जॉर्ज ने किया था एनडीए का गठन
साल 1996 में 13 दिन के भीतर सरकार गिर जाने के बाद बीजेपी को भी सहयोगियों की जरूरत महसूस हुई. 1998 में समता पार्टी के जॉर्ज फर्नांडीज और अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बनाने की कवायद शुरू की. 

उस वक्त 16 दलों का साथ बीजेपी को मिला. लोकसभा की कुल 541 में से 261 सीटों पर तब एनडीए गठबंधन ने जीत दर्ज की थी. 

वाजपेयी प्रधानमंत्री बनने में सफल भी रहे, लेकिन जयललिता के दबाव में 13 महीने के भीतर ही सरकार गिर गई. 1999 में फिर चुनाव हुए और इस बार 24 दल एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया. इसका फायदा भी एनडीए को हुआ और 302 सीटों पर जीत दर्ज की. 

वाजपेयी पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने पूरे 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.  एनडीए का उस वक्त साझा मेनिफेस्टो जारी हुआ था. सभी दलों से कॉर्डिनेट करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी. हालांकि, 2004 में एनडीए को हार मिली और फिर इसमें बिखराव हो गया. 

2014 में फिर से एनडीए में जान फूंकने की कोशिश शुरू हुई. 23 दलों के साथ मिलकर बीजेपी चुनाव लड़ी. इस बार बीजेपी अकेले दम पर सरकार बनाने में कामयाब हो गई. पार्टी ने केंद्र की सत्ता में अनुपातिक भागीदारी देने की बजाय सांकेतिक भागीदारी देना शुरू किया. 

इसके बाद से ही एनडीए में टूट शुरू हो गई. कई बड़े और पुराने दल साथ छोड़ गए. इसमें जेडीयू, शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल का नाम प्रमुख है.

मोदी कैबिनेट में अभी किन दलों को मिली है जगह?
साल 2021 में मोदी कैबिनेट का विस्तार हुआ था. उस वक्त 4 सहयोगी दल को सरकार में शामिल किया गया था. जेडीयू से आरसीपी सिंह और रालोजपा से पशुपति पारस कैबिनेट मंत्री और अपना दल से अनुप्रिया पटेल और आरपीआई से रामदास अठावले राज्य मंत्री बने थे. 

साल 2022 में आरसीपी सिंह को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था. वर्तमान में पशुपति पारस, रामदास अठावले और अनुप्रिया पटेल ही घटक दल के कोटे से सरकार में शामिल हैं. पारस के पास खाद्य प्रसंस्करण, अठावले के पास समाजिक न्याय (राज्य स्तर) और पटेल के पास वाणिज्य और उद्योग (राज्य स्तर) विभाग की जिम्मेदारी है.

मोदी कैबिनेट में NDA दलों की हिस्सेदारी बढ़ेगी?
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक चुनावी साल होने की वजह से कैबिनेट में सहयोगी दलों की हिस्सेदारी बढ़ सकती है. 2019 के चुनाव से पहले मोदी कैबिनेट में एनडीए कोटे से 5 मंत्री शामिल थे.वर्तमान में 3 मंत्री भी शामिल हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि 2-3 और मंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. 

कैबिनेट में महाराष्ट्र, बिहार और तमिलनाडु के सहयोगियों को तरजीह मिलने की चर्चा है. संभावित नामों के बारे में जानते हैं...

1. चिराग पासवान- पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे चिराग पासवान वर्तमान में रालोजपा के प्रमुख हैं. 2021 में ही चिराग के कैबिनेट में शामिल होने की अटकलें लग रही थी, लेकिन चाचा पशुपति पारस ने पार्टी तोड़कर बाजी मार ली. 

अब बीजेपी ने अपने साथ चिराग को जोड़ा है, जिसके बाद चर्चा है कि उन्हें बीजेपी केंद्र में मंत्री बना सकती है. हालांकि, पशुपति को लेकर चीजें स्पष्ट नहीं हो पाई है.  लोजपा का बिहार में दलित सीटों पर मजबूत जनाधार है. 2014 और 2019 के चुनाव में लोजपा बिहार की 6 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है. 

राम विलास के रहते लोजपा का खगड़िया, मधेपुरा, वैशाली, मधुबनी, बेगूसराय, जमुई, समस्तीपुर और बेतिया में मजबूत जनाधार था. जानकारों के मुताबिक पार्टी टूट के बाद पासवान के वोटबैंक पर चिराग ने मजबूत पकड़ बना ली है.

बिहार के नए समीकरण को देखते हुए चिराग की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. 

2. प्रफुल पटेल- एनडीए की मीटिंग में शरद पवार के भतीजे अजित भी शामिल होंगे. अजित हाल ही में चाचा से बगावत कर महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं. अजित के बगावत के बाद यह चर्चा तेज है कि प्रफुल पटेल  को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. 

प्रफुल पटेल वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और मनमोहन सरकार में भारी उद्योग विभाग के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. पटेल अगर केंद्रीय मंत्री बनते हैं तो उन्हें भारी उद्योग या इस्पात मंत्रालय मिल सकता है. इस्पात मंत्रालय पहले जेडीयू और भारी उद्योग शिवसेना को बीजेपी ने दिया था.

3. राहुल शेवाले- मोदी कैबिनेट के संभावित विस्तार में शिवसेना (शिंदे) के राहुल शेवाले के भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. शेवाले सदन में शिवसेना संसदीय दल के नेता भी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एकनाथ शिंदे ने बीजेपी हाईकमान से 3 पदों की डिमांड रखी है.

हालांकि, नए समीकरण के लिहाज से 3 पद मिलने की संभावनाएं कम हैं. संयुक्त शिवसेना से अनंत गीते और अरविंद सावंत मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं.

4. एम थंबीदुरई- लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर एम थंबीदुरई के भी मोदी सरकार में मंत्री बनने की चर्चा जोरों पर है. थंबीदुरई एआईएडीएमके कोटे से मंत्री बन सकते हैं. थंबीदुरई अगर मंत्री बनते हैं तो पहली बार मोदी सरकार में तमिलनाडु के किसी क्षेत्रीय पार्टी को सरकार में जगह मिलेगी.

थंबीदुरई के मंत्री बनाए जाने के पीछे तमिलनाडु के राजनीतिक समीकरण है. तमिलनाडु के 39 में से 25 सीट जीतने का लक्ष्य बीजेपी ने रखा है. जानकारों के मुताबिक द्रविड़ सियासत में पैठ बनाने के लिए बीजेपी को अभी एआईएडीएमके की सख्त जरूरत है.

5. अगाथा संगमा- मनमोहन सरकार में मंत्री रह चुकी अगाथा संगमा के भी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा है. अगाथा नेशनल पीपुल्स पार्टी कोटे से मंत्री बनाई जा सकती हैं. एनपीपी पूर्वोत्तर भारत के मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल और मेघालय में काफी सक्रिय है. इन सभी राज्यों में लोकसभा की 5 सीटें हैं. 

2014 में 7 दलों को किया गया था कैबिनेट में शामिल
2014 में जीत के बाद बीजेपी ने एनडीए के 7 दलों को कैबिनेट में शामिल किया था. लोजपा से राम विलास पासवान, आरएलएसपी से उपेंद्र कुशवाहा, शिवसेना से अनंत गीते, टीडीपी से अशोक गजपति राजू और वाईएस चौधरी, अकाली दल से हरसिमरण कौर, आरपीआई से राम दास अठावले और अपना दल से अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया था. 

हालांकि, 2019 के कैबिनेट विस्तार में मंत्रियों की संख्या कम हो गई. 2019 में लोजपा से राम विलास पासवान, शिवसेना से अरविंद सावंत, शिअद से हरसिमरण कौर और आरपीआई से राम दास अठावले को ही जगह मिली. जेडीयू समेत कई सहयोगी दलों ने आनुपातिक भागीदारी की मांग की. 

इन दलों का कहना था कि सांकेतिक हिस्सेदारी देकर बीजेपी सहयोगियों का अपमान कर रही है. 

कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं, क्या है नियम?
नियम के मुताबिक प्रधानमंत्री समेत केंद्र सरकार में कुल 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं. वर्तमान में 78 मंत्री कैबिनेट में शामिल हैं. सिर्फ 3 पद रिक्त है. पिछली बार कैबिनेट विस्तार में 12 मंत्रियों का इस्तीफा हुआ था. 36 नए मंत्रियों का उस वक्त शपथ हुआ था, जबकि 7 मंत्री प्रमोट किए गए थे. 

हालांकि, इस बार ज्यादा स्पेस नहीं है. नए मंत्री बनाने के लिए पुराने मंत्रियों को हटाना होगा. ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही है कि खराब परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को हटाने की बजाय विभागों में पर कतरे जा सकते हैं.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
Tere Ishk Mein Box Office Day 9: 'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...

वीडियोज

Putin India Visit: Vladimir Putin ने India दौरे पर वो पा लिया… जो 4 साल में खोया था |ABPLIVE
IndiGo flight Cancelled: यात्रियों के टिकट कैंसिल करने के पीछे बड़ी साजिश? | Janhit With Chitra
Indigo Flight News: दिल्ली एयरपोर्ट की आई एडवाइजरी, सभी से बड़ी जानकारी | DGCA | Chadan Singh
Sandeep Chaudhary: न नोटिस, न कार्रवाई...DGCA क्या कर रहा?  | Debate | Seedha Sawal
ABP Report: Bengal में सियासी घमासान, बाबरी के समर्थन में सड़क पर उतरे सैंकड़ों मुस्लिम | TMC

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
Tere Ishk Mein Box Office Day 9: 'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
95% कनेक्टिविटी बहाल, मनमाना किराया वसूली पर रोक और यात्रियों को रिफंड... कब तक इस संकट से उबरेगी इंडिगो? 10 बड़ी बातें
95% कनेक्टिविटी बहाल, किराया सीमा और रिफंड... कब तक इस संकट से उबरेगी इंडिगो? बड़ी बातें
500KM की दूरी का 7500 रुपये... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
500KM की दूरी का ₹7500... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
​सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी में निकली वैकेंसी, सैलरी जानकार उड़ जाएंगे होश
​सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी में निकली वैकेंसी, सैलरी जानकार उड़ जाएंगे होश
स्टेज पर फोटो खिंचाने आई बहन पर फूटा दुल्हन का गुस्सा! ऐसे घूरा कि सोशल मीडिया पर मच गया धमाल- वीडियो वायरल
स्टेज पर फोटो खिंचाने आई बहन पर फूटा दुल्हन का गुस्सा! ऐसे घूरा कि सोशल मीडिया पर मच गया धमाल
Embed widget