आजादी के जश्न और नई सरकार के गठन से दूर क्यों थे महात्मा गांधी?

गांधी जी ने आजादी के जश्न में भाग लेने के बजाय अपना समय और ऊर्जा उन स्थानों पर लगाने का निर्णय लिया
Source : PTI
आजादी की पहली सुबह महात्मा गांधी के लिए उपवास के साथ शुरू हुई थी. सुबह-सुबह उन्होंने चरखा कातते हुए कुछ पत्रों के जवाब लिखवाए थे. इन पत्रों में उन्होंने चरखा कातने को ही उत्सव का नाम दिया था.
77 साल पहले आज के दिन ही आजाद मुल्क के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फराया था. इस दिन देश की करोड़ों जनता एकसाथ सड़कों पर आजादी की पहली सुबह में झूम
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