'40 लाख के हिसाब से खरीदे गए थे 4 सांसद'..., कैश फॉर वोट पर सुप्रीम कोर्ट को फिर सुनवाई की जरूरत क्यों पड़ी?

कैश फॉर वोट मामले में 2 बार शिबू सोरेन की पार्टी का नाम आ चुका है (Photo- Getty)
कैश फॉर वोट का पहला मामला नरसिम्हा राव सरकार के वक्त सामने आया था. तब बीजेपी ने आरोप लगाया था कि 1993 में राव ने सरकार बचाने के लिए सांसदों को 40-40 लाख रुपए रिश्वत दिए
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच 1993 के कैश फॉर वोट (नोट के बदले वोट) मामले की सुनवाई करेगी. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने इसे 7 जजों की बेंच के पास ट्रांसफर
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