Vice President Election 2022: विपक्षी दलों ने उप राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए राजस्थान (Rajasthan) की पूर्व राज्यपाल मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाने का रविवार को फैसला किया. अल्वा (80) अपना नामांकन पत्र 19 जुलाई दाखिल करेंगी, जो छह अगस्त को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है.


राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है. धनखड़ राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक राजग का ये फैसला आगामी राजस्थान चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया है. ऐसे में विपक्षी दलों ने राजस्थान की पूर्व राज्यपाल को मैदान में उतारकर चुनावों को दिलचस्प बना दिया है.


आखिर विपक्ष ने क्यों बनाया मार्गरेट अल्वा को अपना उम्मीदवार?
मार्गरेट अल्वा  का जन्म 14 अप्रैल 1942 को कर्नाटक के मंगलूरू जिले के दक्षिण कनारा में हुआ था. वो कर्नाटक के एक ईसाई परिवार से आती हैं. उनके ससुर और सास दोनों लंबे समय से कांग्रेसी सांसद रहे थे. आपातकाल के दौरान और कांग्रेस के दो धड़ों के विवाद के समय वो इंदिरा गांधी धड़े में शामिल रही थी. इंदिरा ने उनको कर्नाटक इकाई का मौका दिया था. पार्टी ने उनको इसी वजह से राज्यसभा भेजने का फैसला किया. 


इंदिरा और राजीव गांधी की करीबी थी मार्गरेट अल्वा
मार्गरेट अल्वा, इंदिरा गांधी की सरकार में 1978 से 1980 तक कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी की संयुक्त सचिव और केपीसीसी की महासचिव रहीं. 1984 की राजीव गांधी सरकार में वो केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहीं. 1991 में उनको कार्मिक, पेंशन और प्रशासन सुधार की केंद्रीय राज्य मंत्री बनाई गईं. इसके अलावा वह देश के विभिन्न राज्यों की राज्यपाल भी रह चुकी हैं. उनके इसी अनुभव को देखते हुए विपक्षी दलों ने उनको देश के उपराष्ट्रपति पद का संयुक्त उम्मीदवार बनाया है.




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