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वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा- यूपी के जीएसडीपी में पिछले पांच वर्षों में हुई है 40 प्रतिशत की वृद्धि
वर्ष 2016-17 में जब प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी तब राज्य का जीएसडीपी 12 लाख 47 हजार करोड़ रुपये था, लेकिन वर्तमान में यह 17 लाख 49 हजार 469 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है.
उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सोमवार को बताया कि पिछले करीब दो साल के दौरान, कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न विकट स्थिति के बावजूद गत पांच वर्षों के दौरान प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. खन्ना ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद उत्तर प्रदेश ने काफी बेहतर वित्तीय प्रबंधन किया है. वर्ष 2016-17 में जब प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी तब राज्य का जीएसडीपी 12 लाख 47 हजार करोड़ रुपये था, लेकिन वर्तमान में यह 17 लाख 49 हजार 469 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. इस तरह पिछले पांच वर्षों में इसमें लगभग 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश का ऋण जमा अनुपात भी लगभग छह प्रतिशत बढ़ा है. पांच साल पहले जब बीजेपी सरकार सत्ता में आई थी तब यह अनुपात 46 प्रतिशत था. अब इसमें छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वित्त मंत्री ने बताया कि उनके विभाग ने अगले 100 दिनों का जो कार्यक्रम घोषित किया है उसके तहत विभिन्न मदों में पात्र लोगों को 21 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा. इसका कार्यक्रम शुरू भी हो गया है, इसके लिए 15-15 दिन का कार्यक्रम बनाने को कहा गया है. आगे उन्होंने बताया कि अगले छह महीने में 51 हजार करोड़ रुपये और अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि इसके साथ ही प्रदेश का ऋण जमा अनुपात भी लगभग छह प्रतिशत बढ़ा है. पांच साल पहले जब बीजेपी सरकार सत्ता में आई थी तब यह अनुपात 46 प्रतिशत था. अब इसमें छह प्रतिशत की वृद्धि हुई है, वित्त मंत्री ने बताया कि उनके विभाग ने अगले 100 दिनों का जो कार्यक्रम घोषित किया है उसके तहत विभिन्न मदों में पात्र लोगों को 21 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा. इसका कार्यक्रम शुरू भी हो गया है, इसके लिए 15-15 दिन का कार्यक्रम बनाने को कहा गया है. आगे उन्होंने बताया कि अगले छह महीने में 51 हजार करोड़ रुपये और अगले पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया जाएगा.
पांच वर्षों के दौरान 90 हजार से अधिक बैंकिंग आउटलेट्स खुले हैं-
खन्ना ने बताया कि प्रदेश में पिछले पांच वर्षों के दौरान 90 हजार से अधिक बैंकिंग आउटलेट्स खुले हैं. बैंकिंग आउटलेट्स में बैंक मित्र और बैंक सखी भी शामिल हैं, लगभग 1,14,882 बैंक मित्र और बैंक सखी इस बैंकिंग प्रणाली में आम जनता को सहयोग देते हैं. वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 19,056 बैंक शाखाएं हैं, इस तरह राज्य में कुल 1,33,938 बैंकिंग आउटलेट्स हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में बैंकिंग की सुविधा बढ़ाने के लिए सरकार ने आने वाले दिनों में 700 बैंक शाखाएं और 700 एटीएम स्थापित करने का फैसला किया है. खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश में डिजिटल लेनदेन भी काफी बेहतर हुआ है. वित्त वर्ष 2021-22 में दिसंबर तक 268 करोड़ रुपये का डिजिटल लेनदेन किया गया, जो वर्ष 2017-18 में 122.84 करोड़ रुपये था.
अटल पेंशन योजना के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल-
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से प्रदेश में बैंक खातों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है, प्रदेश में वर्ष 2022 तक इस योजना के सात करोड़ 90 लाख लाभार्थी थे जबकि पांच वर्ष पहले इनकी संख्या चार करोड़ 47 लाख थी. प्रदेश में इस वक्त जनधन खातों में 33,493 करोड़ रुपये की राशि जमा है, खन्ना ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि के तहत रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के लिए चलाई गई योजना उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कामयाब रही. इसके अलावा अटल पेंशन योजना के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल रहा.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से प्रदेश में बैंक खातों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इस मामले में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है, प्रदेश में वर्ष 2022 तक इस योजना के सात करोड़ 90 लाख लाभार्थी थे जबकि पांच वर्ष पहले इनकी संख्या चार करोड़ 47 लाख थी. प्रदेश में इस वक्त जनधन खातों में 33,493 करोड़ रुपये की राशि जमा है, खन्ना ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि के तहत रेहड़ी-पटरी दुकानदारों के लिए चलाई गई योजना उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कामयाब रही. इसके अलावा अटल पेंशन योजना के मामले में भी उत्तर प्रदेश अव्वल रहा.
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प्रियदर्शी रंजन, वरिष्ठ पत्रकार
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