5 प्वॉइंट्स में समझिए कैसा रहा ओम बिरला का कार्यकालः बड़े बिल पास कराए, लेकिन डिबेट-सिटिंग घटीं; डिप्टी भी नहीं चुन पाए

17वीं लोकसभा के इस कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियां स्पीकर ओम बिरला ने बटोरी. बिरला पर लोकसभा को तानाशाही तरीके से चलाने का आरोप लगा.

राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने के साथ ही 17वीं लोकसभा का आखिरी सत्र समाप्त हो गया. 58 महीनों तक चलने वाला लोकसभा का यह कार्यकाल विवादों के साथ-साथ कई मायनों में ऐतिहासिक भी रहा. सदन ने

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