Telangana High Court On Amit Shah Fake Video Case: पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का वीडियो एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है. तेलंगाना हाई कोर्ट ने अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस की जांच पर रोक लगा दी.


हाई कोर्ट ने शुक्रवार (3 मई) को अपने आदेश में कांग्रेस के उन नेताओं के खिलाफ जांच पर प्रारंभिक रोक लगाई, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने नोटिस दिया है. कोर्ट ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी गई है.


गिरफ्तार कांग्रेस नेताओं को मिली जमानत


इस मामले में पुलिस ने तेलंगाना में कांग्रेस के पांच सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था. उन्हें भी शुक्रवार को एक स्थानीय कोर्ट से जमानत मिल गई है. पुलिस ने आरोपियों को एक स्थानीय कोर्ट में पेश किया था, जहां प्रत्येक को 10,000 रुपये की दो जमानत राशि जमा करने की शर्त पर जमानत मिली है. इसके अलावा आरोपियों को अगले आदेश तक सोमवार और शुक्रवार को जांच अधिकारी के सामने पेश होना होगा.


क्या है मामला?


बता दें कि 27 अप्रैल को पुलिस को तेलंगाना के एक बीजेपी नेता से शिकायत मिली थी. इसमें आरोप लगाया गया कि तेलंगाना कांग्रेस ने अपने एक्स अकाउंट पर अमित शाह के भाषण का डीपफेक वीडियो पोस्ट कर आईटी एक्ट का उल्लंघन किया है. पुलिस ने कहा कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई और मतदाताओं को गुमराह करने का काम किया गया. यह भी बताया गया कि इस डीपफेक वीडियो का उद्देश्य से ओबीसी समुदायों के बीच डर पैदा करना है. पुलिस ने इस मामले में अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.


पुलिस के अनुसार 23 अप्रैल को मेडक में एक जनसभा के दौरान अमित शाह ने भाषण दिया था. उसी को एडिट कर माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर शेयर किया गया था. एक्स ने इस वीडियो की जांच की तो मामला संवेदनशील निकला. इसके बाद इस वीडियो को सोशल मीडिया से हटा दिया गया. अमित शाह के डीपफेक वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को भी पूछताछ के लिए बुलाया था.


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