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Jallikattu Protest: तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की इजाजत नहीं मिलने को लेकर प्रोटेस्ट, हिंसा में 15 पुलिसकर्मी घायल
Jallikattu Protest: तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि उन्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का सहारा लेना पड़ा.
![Jallikattu Protest: तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की इजाजत नहीं मिलने को लेकर प्रोटेस्ट, हिंसा में 15 पुलिसकर्मी घायल Tamil Nadu Jallikattu Protest over not getting permission for bull fighting sport Jallikattu Protest: तमिलनाडु में जल्लीकट्टू की इजाजत नहीं मिलने को लेकर प्रोटेस्ट, हिंसा में 15 पुलिसकर्मी घायल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/03/d046e872016610156ad90d94c4483b981675396035605330_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Jallikattu Protest: तमिलनाडु के कृष्णगिरी जिले में जल्लीकट्टू के आयोजन की अनुमति न देने के कारण विरोध-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों में हुई झड़प के कारण गुरुवार (2 फरवरी) को 15 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को चोटें आईं. पुलिस ने कहा कि कृष्णागिरी-होसुर-बेंगलुरु राजमार्ग पर यह स्थिति छह घंटे से अधिक समय तक बनी रही. कृष्णागिरी जिले में होसुर इलाके में लोगों को गुस्सा तब आया जब उन्हें जल्लीकट्टू कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिल सकी. जल्लीकट्टू एक लोकप्रिय पारंपरिक सांडों से लड़ने वाला खेल है.
इस दौरान घटना का वीडियो वायरल हुआ है जिसमें लोगों को पुलिस वैन सहित कई वाहनों में पथराव करते देखा जा रहा है. तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि उन्हें भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले का सहारा लेना पड़ा. मामले के बारे में बात करते हुए एक व्यक्ति ने बताया कि लोगों ने सभी आयोजन कर लिया था और व्यवस्था करने के बाद उन्हें कृष्णगिरि जिला प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी. जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और सड़क को जाम कर दिया. इसके बाद यह आंदोलन हिंसा में बदल गया.
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— Kokilarajperi (@Kokilarajperi1) February 2, 2023
5 किमी से अधिक समय तक रहा जाम
घटना के चश्मदीद ने बताया कि हाईवे में प्रदर्शन के कारण 5 किमी से ज्यादा लंबा ट्रैफिक जाम रहा. कृष्णागिरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सरोज कुमार ठाकुर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, "आंदोलन के दौरान कम से कम 15 पुलिसकर्मियों को हल्की चोटें आईं और लगभग 10 बसें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं." उन्होंने कहा कि हमारे पास घटना के वीडियो फुटेज हैं और हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो इस मामले में शामिल थे. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मामले को लेकर अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
सरोज कुमार ठाकुर ने कहा कि बुल रेसिंग इवेंट के लिए कलेक्टर से कोई सरकारी आदेश और अनुमति नहीं मिली है, जिसकी वजह से वह आयोजन की अनुमति नहीं दे सके. कुमार ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कोई मौत या चोट न हो." उन्होंने कहा जो लोग आयोजन करना चाहते हैं, वे कलेक्टर को आवेदन करें और सरकार से अनुमति लें. इस बीच, राज्य के विपक्ष ने "कानून और व्यवस्था के टूटने" के लिए सत्तारूढ़ डीएमके सरकार की आलोचना की. विपक्ष के नेता एडप्पादी पलानीस्वामी ने इसे पुलिस विभाग की ओर से विफलता बताई. पलानीस्वामी ने कहा कि मैं डीएमके सरकार से लोगों की समस्याओं पर ध्यान देने का आग्रह करता हूं.
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