ताजिकिस्तान में फिर होगा सुषमा स्वराज-शाह महमूद कुरैशी का आमना-सामना
11 और 12 अक्टूबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन शासनाध्यक्ष सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री अपने अपने मुल्कों की नुमाइंदगी करेंगे.
नई दिल्लीः न्यूयॉर्क में तल्ख एनकाउंटर के महज एक पखवाड़े बाद भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक बार फिर रूबरू होंगे. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के विदेश मंत्री का आमना-सामना अबकी बार तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होगा जहां 11 और 12 अक्टूबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन शासनाध्यक्ष सम्मेलन में दोनों नेता अपने अपने मुल्कों की नुमाइंदगी करेंगे. हालांकि इस बहुपक्षीय कार्यक्रम के दौरान दोनों का आमना-सामना भले हो लेकिन भारत-पाक संबंधों के मौजूदा तापमान के मद्देनजर किसी द्विपक्षीय मुलाकात की संभावना फिलहाल नहीं है.
भारतीय खेमे के सरकारी सूत्रों के मुताबिक बीते दो हफ्तों में जो कुछ हुआ उसके बाद फिलहाल किसी मुलाकात की गुंजाइश नहीं है. न तो मुलाकात की कोई मांग की गई है और न ही ऐसा कोई विचार है. पाकिस्तानी कूटनीतिक सूत्रों ने भी इस बात से इनकार किया कि दोनों नेताओं के बीच दुशांबे में किसी मुलाकात की संभावना हो सकती है. सूत्रों की मानें तो मौजूदा तल्खी के बीच अगर न्यूयॉर्क की तरह दुशांबे में भी दोनों नेताओं के बीच दुआ-सलाम तक न हो तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.
महत्वपूर्ण है कि बीते माह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के आग्रह पर भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान न्यूयॉर्क में 27 सितंबर को दोनों विदेश मंत्रियों की मुलाकात का प्रस्ताव स्वीकार तो किया था. इस बाबत औपचारिक घोषणा भी 20 सितंबर को की गई थी. लेकिन पाकिस्तान की शह पर काम करने वाले आतंकियों के हाथों जम्मू-कश्मीर के तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद भारत ने 21 सितंबर को ही मुलाकात निरस्त करने का फैसला किया. इसके बाद न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिए पर हुई दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन सार्क के विदेश मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में सुषमा और कुरैशी का आमना-सामना तो हुआ मगर न बात हुई न सलाम-दुआ.
सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद पाक विदेश मंत्री ने इस बात को लेकर तंज भी कसे कि भारतीय विदेश मंत्री बैठक से जल्द चली गई. हालांकि यह बात और है कि अपना भाषण देने के बाद मीटिंग से बाहर निकली भारतीय विदेश मंत्री ऐसा करने वाली तीसरी नेता थीं. उनसे पहले अफगानिस्तान और बांग्लादेश के विदेश मत्री बैठक में अपना भाषण पढ़कर बाहर निकल गए थे.
पाक विदेश मंत्री कुरैशी ने सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक से लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबोधन और अमेरिका के कई सार्वजनिक कार्यक्रमों के मंच से भारत के खिलाफ टिप्पणियां की. कुरैशी ने जहां भारत को सार्क की प्रक्रिया में सबसे बड़ा रोड़ा करार दिया वहीं रिश्तों में तल्खी की सारी तोहमत भी भारत के सिर मढ़ी.
हालांकि भारत ही नहीं अफगानिस्तान ने भी संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को आतंकवाद के मोर्चे पर आईना दिखाया. विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत तो संबंध सुधार के लिए बातचीत को तैयार है लेकिन उसके लिए उचित माहौल बनाने और आतंकवाद पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है.
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