![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सूरीनाम के राष्ट्रपति का पीएम मोदी को सुझाव, बोले- 'कैरेबियाई देशों में खोलें हिन्दी सिखाने वाले संस्थान'
Pravasi Bharatiya Divas Convention 2023: सूरीनाम के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से कहा कि इससे भारतवंशी अपनी संस्कृति और परंपरा को जान सकेंगे.
![प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सूरीनाम के राष्ट्रपति का पीएम मोदी को सुझाव, बोले- 'कैरेबियाई देशों में खोलें हिन्दी सिखाने वाले संस्थान' Suriname President Santokhi suggested PM Modi to open Hindi Institutions in Caribbean Pravasi Bharatiya Divas Convention 2023 प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सूरीनाम के राष्ट्रपति का पीएम मोदी को सुझाव, बोले- 'कैरेबियाई देशों में खोलें हिन्दी सिखाने वाले संस्थान'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/01/09/09474ac3aad44d7eda32ad66c3c934c61673264833605528_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Pravasi Bharatiya Divas Convention 2023: सूरीनाम (Suriname) के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी (Chandrika Prasad Santokhi) ने सोमवार (9 जनवरी) को भारत को कैरेबियाई देशों में हिन्दी सिखाने वाले संस्थान खोलने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे संस्थानों से दुनिया के इस हिस्से में बसे भारतवंशी अपनी मूल भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपराओं से रू-ब-रू हो सकेंगे.
संतोखी विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने मंच पर मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘कैरेबियाई क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर भारतवंशियों को हिन्दी सिखाने के लिए प्रशिक्षण संस्थान और विद्यालय खोले जाने चाहिए, ताकि इस समुदाय के लोग अपनी मूल भाषा, धर्म, संस्कृति और परंपरा के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें.’’
उन्होंने कैरेबियाई क्षेत्र में फिल्म, योग, आयुर्वेद, आध्यात्मिक जीवन पद्धति, सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास का प्रशिक्षण देने के लिए भारत की ओर से संस्थान स्थापित किए जाने की वकालत भी की. संतोखी ने पेशकश की कि सूरीनाम अपनी जमीन पर ऐसे संस्थानों की स्थापना को मंजूरी देने के लिए तैयार है. सूरीनाम के राष्ट्रपति ने कहा कि उनके इन सुझावों को अमली जामा पहनाने के लिए एक प्रवासी कोष बनाया जाना चाहिए.
सूरीनाम नए भारत के अमृत काल का समर्थने करता है
चंद्रिकाप्रसाद संतोखी ने कहा कि मोदी की ‘‘नए भारत के अमृत काल’’ की अवधारणा का सूरीनाम समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि इसके तहत अगले 25 साल के लिए लक्षित टिकाऊ विकास केवल भारत तक सीमित नहीं रहना चाहिए. आगे संतोखी ने कहा कि तरक्की की यह लहर दुनिया भर में बसे भारतवंशियों तक भी पहुंचनी चाहिए. संतोखी ने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां दोनों पक्षों के फायदे के लिए सूरीनाम में लकड़ी के फर्नीचर, दवा और नवीकरणीय ऊर्जा सरीखे क्षेत्रों में उत्पादन इकाइयां लगा सकती हैं. सतोखी ने कहा कि सूरीनाम में भारतीय वित्तीय संस्थान और बैंक खोले जा सकते हैं.
सूरीनाम के राष्ट्रपति ने भारतीय पीएम मोदी की माता हीराबेन के निधन पर शोक जताते हुए संस्कृत का श्लोक पढ़ा- ‘‘जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’’ यानी माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है.
मुल्कों ने सरहदों पर ताले जड़ दिए थे
गुयाना (Guyana) के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. अली ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के वक्त जब मुल्कों ने अपनी सरहदों पर ताले जड़ दिए थे और वैश्वीकरण नाकाम हो रहा था, तब भारत के पीएम मोदी ने दिखा दिया कि वैश्वीकरण अब भी जीत सकता है और कठिनतम समय के बावजूद इंसानों के बीच प्रेम बचा रह सकता है. गुयाना के राष्ट्रपति ने दुनिया के कई देशों को महामारी रोधी टीका और दवाएं मुहैया कराने के लिए भारत की तारीफ की.
उन्होंने गुयाना में निवेश और भागीदारी के लिए भारत के निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि इस कैरेबियाई मुल्क में मौजूद अवसरों को भुनाने के लिए भारतीय कंपनियों को खुलकर आगे आना चाहिए. गुयाना के राष्ट्रपति बनने से पहले भारत में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले अली ने कहा कि, इस देश में रहने के दौरान उन्हें भारतीयों का प्यार मिला.
ये भी पढ़ें: Kanjhawala Case: कंझावला केस के 6 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा, कोर्ट ने पुलिस से पूछे सख्त सवाल
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![उमेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/68e69cdeb2a9e8e5e54aacd0d8833e7f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)