छात्रों की आत्महत्या दर किसानों से भी ज्यादा, फिर भी क्यों नहीं बढ़ रहा शिक्षा-स्वास्थ्य बजट?

एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार भारत में आत्महत्या के मामले हर साल 2% की दर से बढ़ रहे हैं. जबकि, छात्रों में आत्महत्या के मामलों की दर सालाना 4% से बढ़ी है. 

भारत एक ऐसा देश है जहां युवा शक्ति का विशाल योगदान है, और यहां के छात्रों को भविष्य की उम्मीद और समाज के निर्माण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है. हालांकि, इस उम्मीद को पूरा करने के लिए

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