दिल्ली समेत देश के कई स्मार्ट-शहर बारिश के पानी में डूबे, लोगों का फूटा गुस्सा, ड्रेनेज सिस्टम पर उठाए सवाल
Heavy Water Logging: सड़कों पर भरे बारिश के पानी ने नगर निगम के दावों की पोल खोल दी है. शहरवासियों का गुस्सा सीधा हालात पर सवाल उठा रहा है...
Heavy Water Logging: चंद घंटों की बारिश ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) समेत स्मार्ट सिटी (Smart City) की सूची में शामिल कई शहरों को पानी-पानी कर दिया है. सड़कें तालाब में तब्दील हो गई हैं तो वहीं यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ है. बारिश के इस जमा पानी ने सीधे नगर निगम के दावों की पोल खोल कर रख दी है. नगर निगम की अव्यवस्थाओं के चलते लोग तमाम परेशानियों से जूझ रहे हैं.
स्मार्ट सिटी की श्रेणी में आने वाले शहर, लखनऊ, आगरा, अलगीढ़, भोपाल, उज्जैन, बेंगलुरु, अमरावती, पुणे समेत कई शहर बारिश के पानी में डूबे हुए हैं. हर जगह नाले ओवरफ्लो हो रहे हैं. शहरों के पॉश इलाकों से लेकर निचले इलाकों में जलभराव दिख रहा है. 3 से 5 फीट तक पानी सड़कों पर भरा है. जल भराव की स्थिति पर कहीं लोग नगर नगिम को कोस रहे हैं तो कहीं लोगों का गुस्सा सीधा सरकार पर उतर रहा है.
दिल्ली का हाल
दिल्ली की बात करें, तो यहां सड़कों का हाल चारो तरफ बेहाल है. नाले उफान पर हैं, सड़कों पर पानी जमा है, दुकानों-घरों में पानी जा घुसा है. वहीं, जब जल जमाव के मुद्दे पर सवाल उठता है तो दिल्ली की आम आदमी पार्टी और विपक्ष की बीजेपी आमने-सामने दिखती है. आप जलभराव की स्थिति के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराती है और बीजेपी आम आदमी पार्टी को ठोषी बताती है.
दरअसल, दिल्ली में नगर निगम पर बीजेपी का कब्जा है तो वहीं लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) दिल्ली सरकार की एजेंसी है. बीते महीनों पहले दिल्ली विधानसभा सत्र में जब जल भराव का मुद्दा उठा और चर्चा हुई तो दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने कहा, जलभराव के चलते दिल्लीवासियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है और इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. शहर के नालों की दो हजार किलोमीटर की लंबाई पीडब्लूडी विभाग के जिम्मे आती है तो वहीं शेष हिस्से का जिम्मा एमसीडी का है. सत्र में विधायकों ने आरोप लगाया, एमसीडी ने अपने क्षेत्र में पड़ने वाले नालों की सफाई सही तरीके से नहीं की है जिस कारण बारिश के चलते इस तरह सड़कों पर पानी भर जाता है.
आम आदमी पार्टी के इन आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने कहा कि दिल्ली में जल जमाव का जिम्मेदार पीडब्लूडी को बताया जाना चाहिए. सभी बड़े नालों के रख रखाव का जिम्मा इन्हीं का है और इन्होंने जल निकासी को लेकर कोई काम नहीं किया. दिल्ली में आज भी स्थिति यही बनी हुई है और परेशानी आम जनता झेल रही है.
ड्रेनेज सिस्टम की हालत...
वहीं, अन्य शहरों... (स्मार्ट-शहरों) की बात करें, यहां भी हाल बेहाल दिख रहा है. ड्रेनेज सिसस्टम का हाल इस कदर बुरा है कि सड़क झील में तब्दील हो गई हैं. शहरों में पानी के जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी चारों तरफ भरा दिखाई दे रहा है. शहरवासियों का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम पर जरा भी नगर-निगम का ध्यान नहीं है. नगर निगम अगर अपना काम जिम्मेदारी से करें तो शायद इस तरह बारिश से हाल बेहाल ना हो. बता दें, बारिश के जमा पानी के चलेत कई जगहों पर स्कूल तक बंद करने की नौबत आ गई है.
क्या है कारण
दरअसल, नालियों की सफाई ना होना जल भराव का असल और मुख्य कारण है. पहले शहरों में रास्ते के दोनों तरफ जल निकासी के लिए नालियां होती थी. ये नालियां सीधे नालों से जुड़ी हुई होती थी और ये नाले नहरों से और नहर तालाबों से जुड़े हुए होते थे. वहीं, अब नहरों का हाल ये है कि या तो इस पर अतिक्रमण हो गया है या इन्हें कचरे से भर दिया गया है जिस कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो रहा है. वहीं, स्थानीय निकायों का जल निकासी का कोई सही प्रबंध नहीं करना बड़ी कारण माना जा सकता है.