ED Action Against Sanjay Raut News: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले (Patra Chawl Land Scam Case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को लंबी पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया. ईडी ने आज ही धनशोधन के एक मामले (Money Laundering Case) में संजय राउत के मुंबई (Mumbai) स्थित आवास पर छापा मारा था. इससे पहले ईडी ने राउत के खिलाफ कई समन जारी किए थे, उन्हें 27 जुलाई को भी तलब किया गया था लेकिन वह हाजिर नहीं हुए. घोटाले में राउत की पत्नी वर्षा राउत (Varsha Raut) का भी नाम आया है. शिवसेना सांसद राउत लगातार अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर रहे हैं. राउत से कितने घंटे पूछताछ हुई और मामले पर किसका क्या बयान आया, आइये समझते हैं मामले की 10 बड़ी बातें.


1. पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में संजय राउत से करीब नौ घंटे की पूछताथ चली, इसके बाद ईडी ने उन्हें हिरासत में ले लिया. गिरफ्तारी के बाद राउत ने कहा कि आप उसे हरा नहीं सकते, जो कभी हार नहीं मानता है. राउत को मुंबई के एक ‘चॉल’ के पुनर्विकास और उनकी पत्नी एवं अन्य ‘सहयोगियों’ की संलिप्तता वाले लेन-देन में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया था. 


2. राउत इस मामले में अपना बयान दर्ज करवाने के लिए एक जुलाई को मुंबई में एजेंसी के समक्ष पेश हुए थे. इसके बाद एजेंसी ने उन्हें दो बार तलब किया था, लेकिन मौजूद संसद सत्र में व्यस्त रहने का हवाला देते हुए पेश नहीं हुए.


3. ईडी के अधिकारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कर्मियों के साथ रविवार सुबह सात बजे राउत के भांडुप उपनगर स्थित आवास 'मैत्री' पहुंचे और छापेमारी शुरू की. इस बीच, राज्यसभा सदस्य राउत ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और आरोप लगाया है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए निशाना बनाया जा रहा है.


4. संजय राउत ने ईडी की कार्रवाई के कुछ ही देर बाद ट्वीट किया, ‘‘मैं दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘मैं मर जाऊंगा, लेकिन शिवसेना का साथ नहीं छोडूंगा.’’


5. ईडी की छापेमारी के दौरान राउत के आवास के बाहर बड़ी संख्या में शिवसेना के समर्थक एकत्र हो गये और एजेंसी की कार्रवाई का विरोध किया. समर्थकों ने हाथों में भगवा रंग के झंडे और बैनर लेकर एजेंसी के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, राउत ने घर की खिड़की से समर्थकों की ओर हाथ हिलाया. 


6. एक अधिकारी ने बताया कि बलार्ड एस्टेट इलाके में स्थित ईडी कार्यालय के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. उन्होंने बताया कि ईडी कार्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गयी है और अवरोधक लगाए गए हैं.


7. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि अगर शिवसेना नेता संजय राउत बेकसूर हैं तो अपने खिलाफ ईडी की कार्रवाई से उन्हें डरना नहीं चाहिए, शिंदे ने औरंगाबाद में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘राउत ने घोषणा की है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. अगर ऐसा है तो जांच से डर क्यों रहे हैं? इसे होने दीजिए. यदि बेकसूर हैं तो किस बात का डर है?’’


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8. परिस्थितियों से विवश होकर शिवसेना के बागी खेमे में शामिल होने संबंधी पार्टी के नेता अर्जुन खोतकर के बयान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘क्या हमने उन्हें न्योता दिया था? ईडी के डर से या किसी और दबाव के चलते हमारे पास या बीजेपी के पास नहीं आइए.’’


9. महाराष्ट्र में बीजेपी के नेताओं ने भी कहा कि राउत ने अगर कुछ गलत नहीं किया है तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, ‘‘संजय राउत अनावश्यक रूप से दिवंगत बालासाहेब ठाकरे का जिक्र कर रहे हैं और शिवसेना के कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं. अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, तो उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.’’ बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कहा कि राउत अभी जांच के दायरे में हैं और उनके खिलाफ आरोप नहीं तय किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें अभी कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. अगर वह संलिप्त (किसी अनियमितता में) पाये जाते हैं, तो उन्हें कार्रवाई का सामना करना होगा.’’
 
10. शिवसेना नेता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित साप्ताहिक लेख ‘रोखठोक' में कहा, ''विद्रोही समूह को यह कहना बंद करना चाहिए कि उन्होंने इसलिए पाला बदला क्योंकि शिवसेना ने हिंदुत्व को छोड़ दिया था. हिंदुत्व को बेवजह बदनाम क्यों कर रहे हैं? ईमानदारी दिखाते हुए कहिए कि सभी प्रवर्तन निदेशालय से खुद को बचाने के लिए भागे थे.'' राउत ने दावा किया कि शिवसेना के नेता अर्जुन खोतकर ने ईमानदारी पूर्वक स्वीकार किया है कि वह दबाव में थे और यही कारण था कि वह विद्रोही गुट में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि ईडी ने शिवसेना सांसद भावना गवली के करीबी सहयोगी रईस खान को गिरफ्तार किया लेकिन शिवसेना के खिलाफ गवली के विद्रोह करते ही खान को छोड़ दिया गया और गवली की जब्त संपत्ति पर से रोक हटा ली गई.


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