नौकरी में काम के दबाव से घुट रही है लोगों की जान, भारत में 60% को 'बर्नआउट' के लक्षण

भारत में काम करने की संस्कृति को लेकर हमेशा से एक अद्भुत महिमामंडन रहा है. "काम करो, सफल बनो" का यह आदर्श इतना गहरा हो गया है कि यह न केवल हमारे करियर, बल्कि हमारी पहचान का भी एक हिस्सा बन गया है.

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर 26 साल की ऐना सेबेस्टियन की कहानी छाई हुई है. ऐना ने इसी साल चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स पूरा किया था और भारत की प्रतिष्ठित कंपनी EY में अपनी पहली नौकरी पाई थी.

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