![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-top.png)
Parliament Special Session: सीईसी समेत ये 4 बिल सरकार के एजेंडे में शामिल, कांग्रेस बोली- 'पर्दे के पीछे...'
Special Session News: संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया है. केंद्र ने इस सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयकों की लिस्ट जारी की है. जिसमें चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा बिल भी है.
![Parliament Special Session: सीईसी समेत ये 4 बिल सरकार के एजेंडे में शामिल, कांग्रेस बोली- 'पर्दे के पीछे...' Parliament Special Session Chief Election Commissioner selection bill Advocates Bill listed to be tabled in Lok Sabha Rajya Sabha Parliament Special Session: सीईसी समेत ये 4 बिल सरकार के एजेंडे में शामिल, कांग्रेस बोली- 'पर्दे के पीछे...'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/09/13/3d853869ef476b1add9a7f36c47779e31694624894080432_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Parliament Special Session: केंद्र सरकार ने बुधवार (13 सितंबर) को संसद के विशेष सत्र में पेश किए जाने वाले चार बिलों की सूची जारी की है. इसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति पर विधेयक को भी सूचीबद्ध किया है. इसके अलावा एडवोकेट बिल, प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल और पोस्ट ऑफिस बिल इस सत्र में पेश किए जाएंगे.
इससे पहले बुधवार को दिन में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर पोस्ट कर बताया था, "इस महीने 18 सितंबर से शुरू होने वाले ससंद के सत्र से पहले 17 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे सभी दलों के सदन के नेताओं की बैठक बुलाई गई है. इस संबंध में आमंत्रण संबंधित नेताओं को ई-मेल से भेज दिये गए हैं. पत्र भी भेजे जायेंगे."
कांग्रेस का केंद्र पर निशाना
बिल सूचीबद्ध करने पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, "अंततः सोनिया गांधी की ओर से प्रधानमंत्री को लिखे पत्र के दबाव के बाद केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के 5 दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की घोषणा करने की कृपा की है."
सीईसी विधेयक का विरोध करेंगी विपक्षी पार्टियां
कांग्रेस नेता ने बिलों की सूची शेयर करते हुए आगे कहा, "फिलहाल जो एजेंडा प्रकाशित किया गया है, उसमें कुछ भी नहीं है. इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक इंतजार किया जा सकता था. मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं. पर्दे के पीछे कुछ और चल रहा है. इसके बावजूद, इंडिया की पार्टियां घातक सीईसी विधेयक का डटकर विरोध करेंगी."
मानसून सत्र में भी हुआ था हंगामा
केंद्र सरकार ने जिन बिलों की सूची जारी की है उनमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति वाले बिल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में गतिरोध देखा गया है. मानसून सत्र में ये बिल राज्यसभा में पेश किया गया था तब विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया था. इस बिल में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और आयुक्तों के चयन के लिए समिति में चीफ जस्टिस के स्थान पर एक कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है.
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़ा बिल
इसमें प्रस्ताव है कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति की ओर से प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री की ओर से नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के पैनल की सिफारिश पर की जाएगी. प्रधानमंत्री इस पैनल की अध्यक्षता करेंगे. अगर लोकसभा में कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं है तो सदन में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता को नेता प्रतिपक्ष माना जाएगा.
ये विधेयक अगर लागू होता है, तो ये सुप्रीम कोर्ट के मार्च 2023 के उस फैसले को खारिज कर देगा, जिसमें कहा गया था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति की ओर से प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश वाले पैनल की सलाह पर की जाएगी. हालांकि, अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि उसकी ओर से रेखांकित प्रक्रिया संसद द्वारा कानून बनाए जाने तक लागू रहेगी.
इसके अलावा एडवोकेट संशोधन विधेयक 2023 और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल 2023 राज्यसभा से पारित हैं और लोकसभा में लंबित हैं. वहीं, डाकघर विधेयक 2023 (पोस्ट ऑफिस बिल) भी सूचीबद्ध है.
एडवोकेट संशोधन विधेयक
एडवोकेट (संशोधन) विधेयक, 2023 अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करता है. इसे 1 अगस्त, 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था. ये विधेयक कानूनी व्यवसायी अधिनियम, 1879 के तहत दलालों से संबंधित कुछ धाराओं को निरस्त करता है. विधेयक में प्रावधान है कि प्रत्येक हाई कोर्ट, जिला न्यायाधीश, सत्र न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट और राजस्व अधिकारी (जिला कलेक्टर के पद से नीचे नहीं) दलालों की सूची बना और प्रकाशित कर सकते हैं.
प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल
प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल 2023, प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 को निरस्त करता है. इसे 1 अगस्त, 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था. अधिनियम समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और पुस्तकों के पंजीकरण का प्रावधान करता है. पत्रिकाओं में किताबें या वैज्ञानिक और अकादमिक पत्रिकाएं शामिल नहीं हैं.
प्रावधान है कि प्रकाशक को निर्दिष्ट करते हुए एक घोषणा जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को की जानी चाहिए. इसके साथ ही जिसने राज्य की सुरक्षा के खिलाफ काम किया हो, या जो आतंकवादी कृत्य या गैरकानूनी गतिविधि के लिए दोषी ठहराया गया हो, उसे पत्रिका प्रकाशित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
पोस्ट ऑफिस बिल
पोस्ट ऑफिस बिल, 2023 को राज्यसभा में 10 अगस्त, 2023 को पेश किया गया था. ये विधेयक केंद्र सरकार के एक उपक्रम, डाकघर के कामकाज से संबंधित मामलों का प्रावधान करता है. विधेयक में डाक के माध्यम से भेजे जाने वाले शिपमेंट को कुछ आधारों पर रोके जाने का प्रावधान किया गया है.
लोकसभा सचिवालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए बुलेटिन में कहा गया कि पांच दिन के विशेष सत्र के दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा होगी.
ये भी पढ़ें-
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![metaverse](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![डॉ. सब्य साचिन, वाइस प्रिंसिपल, जीएसबीवी स्कूल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/045c7972b440a03d7c79d2ddf1e63ba1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)